बुधवार, 29 नवंबर 2023

जुगल छबिकी आरति करूँ नीकी | Jugal Chhabi Ki Aarti Karu Niki | भगवान् श्रीसीताराम जी की आरती | Shri Sitaram Ki Arti Lyrics in Hindi

जुगल छबिकी आरति करूँ नीकी | Jugal Chhabi Ki Aarti Karu Niki | भगवान् श्रीसीताराम जी की आरती | Shri Sitaram Ki Arti Lyrics in Hindi


जुगल छबिकी आरति करूँ नीकी।
गौर-बरन श्रीजनकललीकी, 
स्याम-बरन सिय-पीकी। ॥
जुगल छबिकी आरति करूँ नीकी।
*****
मुकुट चंद्रिका में द्युति राजै 
अगनित सूर्य-ससीकी। 
सुंदर अंग-अंगमें छबि है 
कोटिन काम-रतीकी ॥
*****
जुगलरूप में सबही पटतर 
उपमा हो गई फीकी। 
रामेस्वर लखि ललित जुगल छबि 
हुलसत हिय सबही की ॥
*****
जुगल छबिकी आरति करूँ नीकी।
गौर-बरन श्रीजनकललीकी, 
स्याम-बरन सिय-पीकी। ॥
जुगल छबिकी आरति करूँ नीकी।
*****

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

हमें खुशी होगी यदि आप हमारे टेलीग्राम और यूट्यूब चैनल से भी जुड़ेंगे। आभार