बुधवार, 29 नवंबर 2023

आरती जनक-ललीकी कीजै | Arati Janak Lali Ki Kije | Janaki Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

आरती जनक-ललीकी कीजै | Arati Janak Lali Ki Kije | Janaki Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi  


आरती जनक-ललीकी कीजै। 
सुबरन-थार बारि घृत-बाती, 
तन निज बारि रूप-रस पीजै॥ 
आरती जनक-ललीकी कीजै। 
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गौर-बरन सुंदर तन सोभा 
नख-सिख छबि नैननि भरि लीजै। 
आरती जनक-ललीकी कीजै। 
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सरस-माधुरी स्वामिनि मेरी 
चरन-कमलमें चित नित दीजै ॥
आरती जनक-ललीकी कीजै। 
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