मंगलवार, 9 नवंबर 2021

लिंगाष्टकम ।। Shri Lingashtakam || Lord Shiv Stuti || ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंग || Brahmamurarisurarchitlingam

 लिंगाष्टकम ।। Shri Lingashtakam || Lord Shiv Stuti || ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंग || Brahmamurarisurarchitlingam



ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंग निर्मलभासित शोभितलिंगम ।

जन्मजदु:खविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम ।।1१।।


देवमुनिप्रवरार्चितलिंगं कामदहं करुणाकरलिंगम ।

रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम ।।२।।


सर्वसुगंधिसुलेपित लिंगं बुद्धि विवर्धनकारणलिंगम ।

सिद्धसुरासुरवंदितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम ।।३।।


कनकमहामणिभूषितलिंगं फणिपति वेष्टित शोभितलिंगम ।

दक्षसुयज्ञविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम ।।४।।


कुंकुमचन्दनलेपितलिंगंं पंकजहारसुशोभितलिंगम ।

संचितपापविनाशनलिंगं तत्प्रणमामि सदा शिवलिंगम ।।५।।


देवगणार्चितसेवितलिंगं भावैर्भक्तिभिरेव च लिंगम ।

दिनकरकोटिप्रभाकर लिंगम पत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम ।।६।।


अष्टदलोपरिवेष्टितलिंगम सर्वसमुद्भवकारणलिंगम ।

अष्टदरिद्र विनाशितलिंगम तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम ।।७।।


सुरगुरुसुरवरपूजितलिंगम सुरवनपुष्प सदार्चितलिंगम ।

परात्परपरमात्मकलिंगम तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम ।।८।।


लिंगाष्टकमिदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ ।

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ।।९।।

(श्री अमरेश्‍वर महादेव, अमरकण्‍टक)

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