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बुधवार, 29 नवंबर 2023

आरति श्रीजनक-दुलारीकी | Arati Shri Janak Dulari Ki | Janaki Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

आरति श्रीजनक-दुलारीकी | Arati Shri Janak Dulari Ki | Janaki Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi


आरति श्रीजनक-दुलारीकी । 
सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥ 
आरति श्रीजनक-दुलारीकी । 
सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥
*****
जगत-जननि जगकी विस्तारिणि। 
नित्य सत्य साकेत-विहारिणि।। 
परम दयामयि दीनोद्धारिणि। 
मैयाभक्तन-हितकारीकी ॥
सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥
*****
सती शिरोमणि पति-हित-कारिणि। 
पति-सेवा हित वन-वन चारिणि।। 
पति-हित पति-वियोग-स्वीकारिणि। 
त्याग-धर्म-मूरति-धारीकी ॥ 
सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥
*****
विमल-कीर्ति सब लोकन छाई। 
नाम लेत पावन मति आई।। 
सुमिरत कटत कष्ट दुखदाई। 
शरणागत-जन-भय-हारीकी ॥
सीताजी रघुबर-प्यारीकी ॥
*****

आरति कीजै जनक-ललीकी | श्रीजानकीजी की आरती | Arati Kije Janak Lali Ki | Shri Janki Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

आरति कीजै जनक-ललीकी | श्रीजानकीजी की आरती | Arati Kije Janak Lali Ki | Shri Janki Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi


आरति कीजै जनक-ललीकी। 
राममधुपमन कमल-कलीकी ॥
रामचंद्र मुखचंद्र चकोरी।
अंतर साँवर बाहर गोरी।। 
सकल सुमंगल सुफल फलीकी ॥
*****
पिय दृगमृग जुग बंधन डोरी ।
पीय प्रेम रस-राशि किशोरी ।। 
पिय मन गति विश्राम थलीकी । 
रूप-रास-गुननिधि जग स्वामिनि।। 
प्रेम प्रबीन राम अभिरामिनि ।।
सरबस धन 'हरिचंद' अलीकी ।।
*****

बुधवार, 22 नवंबर 2023

ॐ जय जानकीनाथा जय श्री रघुनाथा | Om Jay Jankinatha Jay Shri Raghunatha | Shri Ram Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय जानकीनाथा जय श्री रघुनाथा | Om Jay Jankinatha Jay Shri Raghunatha | Shri Ram Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi 


ॐ जय जानकीनाथा 
जय श्री रघुनाथा ।
दोउ कर जोरें बिनवौं 
प्रभु! सुनिये बाता ॥
ॐ जय जानकीनाथा
*****
तुम रघुनाथ हमारे 
प्राण पिता माता ।
तुम ही सज्जन-संगी 
भक्ति मुक्ति दाता ॥
ॐ जय जानकीनाथा
*****
लख चौरासी काटो 
मेटो यम त्रासा ।
निशदिन प्रभु मोहि रखिये 
अपने ही पासा ॥
ॐ जय जानकीनाथा॥
*****
राम भरत लछिमन 
सँग शत्रुहन भैया ।
जगमग ज्योति विराजै 
शोभा अति लहिया ॥
ॐ जय जानकीनाथा॥
*****
हनुमत नाद बजावत 
नेवर झमकाता ।
स्वर्णथाल कर आरती 
करत कौशल्या माता ॥
ॐ जय जानकीनाथा॥
*****
सुभग मुकुट सिर 
धनु सर, कर शोभा भारी ।
मनीराम दर्शन करि 
पल-पल बलिहारी ॥
ॐ जय जानकीनाथा॥
*****
जय जानकिनाथा 
हो प्रभु जय श्री रघुनाथा ।
हो प्रभु जय सीता माता 
हो प्रभु जय लक्ष्मण भ्राता ॥
ॐ जय जानकीनाथा॥
*****
हो प्रभु जय चारौं भ्राता 
हो प्रभु जय हनुमत दासा ।
दोउ कर जोड़े विनवौं 
प्रभु मेरी सुनो बाता ॥
ॐ जय जानकीनाथा॥

महारानी गंगा मैया मेरा उद्धार करदे | श्री गंगा जी की आरती | Maharani Ganga Maiya Mera Uddhar Kar De

महारानी गंगा मैया मेरा उद्धार करदे | श्री गंगा जी की आरती | Maharani Ganga Maiya Mera Uddhar Kar De


महारानी गंगा मैया
मेरा उद्धार करदे
कृपा से अपनी माता 
बेड़े को पार करदे । 
*****
स्वर्ग से आई मैया
जगत को तारने को 
चरणों में लगाले मुझको 
इतना उपकार करदे। 
*****
तेरा प्रवाह मैया 
पापों का नाश करता 
भक्तों की खातिर मैया 
अमृत की धार करदे। 
*****
बनके सवाली मैया 
आए जो द्वार तेरे 
तू जगदम्बे उसका 
पूरा भण्डार करदे। 
*****
'चमन' नादान मैया 
करता सदा विनती 
जगत की जननी 
सुखिया सारा संसार करदे।
*****

मंगलवार, 31 अक्तूबर 2023

करवा चौथ व्रत कथा (कहानी) //Karva Chauth Vrat Katha Book & Pooja Vidhi// Lyrics in Hindi PDF // Lyrics in English

करवा चौथ व्रत कथा (कहानी) //Karva Chauth Vrat Katha Book & Pooja Vidhi// Lyrics in Hindi PDF // Lyrics in English


हिन्दू धर्म की मान्‍यता के अनुसार कार्तिक महीने में पूर्णिमा के चौथे दिन करवा चौथ वाला त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लम्‍बी आयु की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन शाम को करवा चौथ कथा पढ़ / सुन कर चंद्रमा निकलने के बाद वे चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और पति का तिलक आदि करने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन भगवान शिव, गणेश जी और स्कन्द यानि कार्तिकेय के साथ बनी गौरी के चित्र की सभी उपचारों के साथ पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से जीवन में पति का साथ हमेशा बना रहता है। साथ ही, सौभाग्य की प्राप्ति और जीवन में सुख-शान्ति बनी रहती है।

क्या है करवा चौथ की सरगी? What is Sargi in Karwa Chauth

सरगी के माध्‍यम से सास अपनी बहू को सुहाग का आशीर्वाद देती है। सरगी की थाल में 16 श्रृंगार की सभी समाग्री, मेवा, फल, मिष्ठान आदि होते हैं। सरगी में रखे गए व्यंजनों को ग्रहण करके ही इस व्रत का आरंभ किया जाता है। सास न हो तो जेठानी या बहन के माध्‍यम से भी यह रस्म निभायी जा सकती है। 

सरगी के सेवन का शुभ मुहूर्त Shubh Muhurt for Sargi

करवा चौथ व्रत वाले दिन सरगी सूर्योदय से पूर्व ब्रह्ममुहूर्त में प्रात: 4 से 5 बजे के करीब कर लेना चाहिए। सरगी में भूलकर भी तेल मसाले वाली चीजों को ग्रहण न करें। इससे व्रत का फल नहीं मिलता है। ब्रह्म मुहूर्त में सरगी का सेवन अच्छा माना जाता है। 

करवा चौथ 2023 का शुभ मुहूर्त //Karwa Chauth 2023 ka Shubh Muhurt

इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर मंगलवार को रात 9 बजकर 30 मिनट से हो रही है। यह तिथि अगले दिन 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि और चंद्रोदय के समय को देखते हुए करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा। 1 नवंबर को करवा चौथ वाले दिन चंद्रोदय 8 बजकर 26 मिनट पर होगा। वहीं इस दिन शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। 1 नवंबर को करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट रहेगा। इसके अलावा 1 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शिवयोग शुरू हो जाएगा। इन दोनों शुभ संयोग की वजह से इस साल करवा चौथ का महत्व और बढ़ गया है। 

करवा चौथ 2023 पूजा विधि // Karva Chauth Puja Vidhi 

करवा चौथ पूजा करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ कर लें और लकड़ी की चौकी बिछाकर उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की तस्वीर या चित्र रखें। साथ ही, उत्तर दिशा में एक जल से भरा कलश स्थापित कर उसमें थोड़े-से अक्षत डालें। इसके बाद कलश पर रोली, अक्षत का टीका लगाएं और गर्दन पर मौली बांधें। तीन जगह चार पूड़ी और 4 लड्डू लें, अब एक हिस्से को कलश के ऊपर, दूसरे को मिट्टी या चीनी के करवे पर और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध कर रख लें। अब करवाचौथ माता के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें। पूजा करने के बाद साड़ी के पल्ले और करवे पर रखे प्रसाद को बेटे या अपने पति को खिला दें। वहीं, कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें। पानी से भरे हुए कलश को पूजा स्थल पर ही रहने दें। चन्द्रोदय के समय इसी कलश के जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग चंद्रमा को लगाएं। इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें। 

करवा चौथ का उजमन // Karwa Chauth ka Ujman

एक थाल में चार-चार पूड़ियाँ तेरह जगह रखकर उनके ऊपर थोड़ा-थोड़ा हलवा रख दें। थाल में एक साड़ी, ब्लाउज और सामर्थ्यानुसार रुपये भी रखें। फिर उसके चारों ओर रोली-चावल से हाथ फेरकर अपनी सासूजी के चरण स्पर्श कर उन्हें दे दें। तदुपरांत तेरह ब्राह्मण/ब्राह्मणियों को आदर सहित भोजन कराएं, दक्षिणा दें तथा रोली की बिन्‍दी /तिलक लगाकर उन्हें विदा करें। 

Karva Chauth Vrat Katha 2023 PDF (करवाचौथ व्रत की कथा (कहानी) PDF Download) Karva Chauth Vrat Katha Book PDF – ਕਰਵਾ ਚੌਥ ਵਰਤ ਦੀ ਕਹਾਣੀ 

एक साहूकार के एक पुत्री और सात पुत्र थे। करवा चौथ के दिन साहूकार की पत्नी, बेटी और बहुओं ने व्रत रखा। रात्रि को साहूकार के पुत्र भोजन करने लगे तो उन्होंने अपनी बहन से भोजन करने के लिए कहा। बहन वोली- “भाई! अभी चन्द्रमा नहीं निकला है, उसके निकलने पर मैं अर्घ्य देकर भोजन करूँगी।” इस पर भाइयों ने नगर से बाहर जाकर अग्नि जला दी और छलनी ले जाकर उसमें से प्रकाश दिखाते हुए बहन से कहा- “बहन! चन्द्रमा निकल आया है, अर्घ्य देकर भोजन कर लो।” बहन अपनी भाभियों को भी बुला लाई कि तुम भी चन्द्रमा को अर्घ्य दे दो, किन्तु वे अपने पतियों की करतूत जानती थीं। उन्होंने कहा- “अभी चन्द्रमा नहीं निकला है। तुम्हारे भाई चालाकी करते हुए अग्नि का प्रकाश छलनी से दिखा रहे हैं।” किन्तु बहन ने भाभियों की बात पर ध्यान नहीं दिया और भाइयों द्वारा दिखाए प्रकाश को ही अर्घ्य देकर भोजन कर लिया। इस प्रकार व्रत भंग होने से गणेश जी उससे रुष्ट हो गए। इसके बाद उसका पति सख्त बीमार हो गया और जो कुछ घर में था, उसकी बीमारी में खर्च हो गया। साहूकार की पुत्री को जब अपने दोष का पता लगा तो वह पश्चाताप से भर उठी। गणेश जी से क्षमा-प्रार्थना करने के बाद उसने पुनः विधि-विधान से चतुर्थी का व्रत करना आरम्भ कर दिया। श्रद्धानुसार सबका आदर सत्कार करते हुए, सबसे आशीर्वाद लेने में ही उसने मन को लगा दिया। इस प्रकार उसके श्रद्धाभक्ति सहित कर्म को देख गणेश जी उस पर प्रसन्न हो गए। उन्होंने उसके पति को जीवनदान दे उसे बीमारी से मुक्त करने के पश्चात् धन-सम्पत्ति से युक्त कर दिया। इस प्रकार जो कोई छल-कपट से रहित श्रद्धाभक्तिपूर्वक चतुर्थी का व्रत करेगा, वह सब प्रकार से सुखी होते हुए कष्ट-कंटकों से मुक्त हो जाएगा। 

करवा चौथ का महत्व // Karwa Chauth Ka Mahatva

करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्‍यौहार है। यह उत्‍तर भारत के पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्रमुखता से मनाया जाता है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक सभी नारियाँ करवाचौथ का व्रत बडी़ श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। करवाचौथ में भी संकष्टीगणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अर्घ्य देने के उपरान्‍त ही भोजन करने का विधान है। वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सव ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं लेकिन अधिकतर स्त्रियां निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करकचतुर्थी (करवा-चौथ) व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है। स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है। जो सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं। यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियाँ आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अतः सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा के लिए इस व्रत का सतत पालन करें।

करवा चौथ की आरती Karwa Chauth Aarti Download 

ओम जय करवा मैया, 
माता जय करवा मैया। 
जो व्रत करे तुम्हारा, 
पार करो नइया।। 
ओम जय करवा मैया। 

सब जग की हो माता, 
तुम हो रुद्राणी। 
यश तुम्हारा गावत, 
जग के सब प्राणी।। 
ओम जय करवा मैया, 
माता जय करवा मैया। 
जो व्रत करे तुम्हारा, 
पार करो नइया।। 

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, 
जो नारी व्रत करती। 
दीर्घायु पति होवे,
दुख सारे हरती।। 
ओम जय करवा मैया, 
माता जय करवा मैया। 
जो व्रत करे तुम्हारा, 
पार करो नइया।। 

होए सुहागिन नारी, 
सुख संपत्ति पावे। 
गणपति जी बड़े दयालु, 
विघ्न सभी नाशे।। 
ओम जय करवा मैया, 
माता जय करवा मैया। 
जो व्रत करे तुम्हारा, 
पार करो नइया।। 

करवा मैया की आरती, 
व्रत कर जो गावे। 
व्रत हो जाता पूरन, 
सब विधि सुख पावे।। 
ओम जय करवा मैया, 
माता जय करवा मैया। 
जो व्रत करे तुम्हारा, 
पार करो नइया।। 
*****
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सोमवार, 23 अक्तूबर 2023

अम्बे तू है जगदम्बे काली //Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Lyrics in Hindi and English // Navratri Special Aarti

अम्बे तू है जगदम्बे काली |Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Lyrics in Hindi | Navratri Special Aarti



अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
*****
तेरे भक्त जनों पे माता 
भीड़ पड़ी है भारी
मैया भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ 
करके सिंह सवारी 
मॉं करके सिंह सवारी
सौ-सौ सिहों से भी बलशाली
अष्टभुजाओं वाली
दुश्टों को तू ही घन तारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
*****
माँ-बेटे का है इस जग में 
बड़ा ही निर्मल नाता
मैया बड़ा ही निर्मल नाता
पूत-कपूत सुने हैं पर ना 
माता सुनी कुमाता
माता सुनी कुमाता
सब पे करुणा करने वाली
अमृत बरसाने वाली
दुखियों के दुखड़े निवारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
*****
नहीं मांगते धन और दौलत 
ना चांदी ना सोना
ना चांदी ना सोना
हम तो मांगे माँ तेरे चरणों में 
एक छोटा सा कोना
मैया एक छोटा सा कोना
सबकी बिगड़ी बनाने वाली
लाज बचाने वाली
सतियों के सत को संवारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
*****
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, 
ले पूजा की थाली
मैया ले पूजा की थाली
वरद हस्त सर पर रख दो माँ 
संकट हरने वाली
माँ संकट हरने वाली
मय्या भर दो भक्ति रस प्याली, 
अष्ट भुजाओं वाली
भक्तों के कारज तू ही सारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
*****

सोमवार, 7 अगस्त 2023

श्री गोलू देव की आरती || Shri Golu Dev Ki Aarti Lyrics in Hindi \\जय गोलज्यू महाराज \\ Jay Goljyu Maharaj

श्री गोलू देव की आरती || Shri Golu Dev Ki Aarti Lyrics in Hindi || Lyrics in English


जय गोलज्यू महाराज,

जय हो जय गोलज्यू महाराज ..!


जय गोल ज्यू महाराज,

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..!!


ज्योत जगुनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..!!


जय गोल ज्यू महाराज,

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..

ज्योति जगुनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय गोल ज्यू महाराज !!


पाड़ी में बगन तू आछे ,

लुवे को पिटार में नादान,

(देवा लुवे को पीटार में नादान)

गोरी घाट भाना पायो..

पड़ी गयो गोरिया नाम..!

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..!!


जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..!!

ज्योति जलूनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय गोल ज्यू महाराज !!


हरुआ, कलुवा भाई तेरो,

बड़ छेना जो दीवान..!

माता कालिंका तेरी…

बाबू झालो राज…!

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..!!


जय हो जय गोल ज्यू महाराज

जय हो जय गोल ज्यू महाराज

ज्योति जलूनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय गोल ज्यू महाराज !!


सुखिले लुकड़ टांक तेरो

कांठ का घोड़ में सवार !

(देवा काठ को घोड़ में सवार )

लुवे की लगाम हाथयू में..

चाबुक छू हथियार…!!

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..!!


जय हो जय गोल ज्यू महाराज .

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..

ज्योति जलूनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय गोल ज्यू महाराज !!


न्याय तेरो हूँ साची,

सब उनी तेरो द्वार,

देवा सब उनी तेरो द्वार !

जो मांखी तेरो नो ल्यूं …

लगे वीक नय्या पार !


जय गोल ज्यू महाराज !!

जय हो जय गोल ज्यू महाराज .

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..

ज्योति जलूनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय गोल ज्यू महाराज !!


दूध, बतास और नारियल,

फूल चडनी तेरो द्वार,

देवा फूल चडनी तेरो द्वार !

प्रथम मंदीर चम्पावत..

फिर चितई, घोड़ाखाल.!

जय गोल ज्यू महाराज !!


जय हो जय गोल ज्यू महाराज .

जय हो जय गोल ज्यू महाराज ..

ज्योति जलूनों तेरी…

सुफल करिए काज….!

जय गोल ज्यू महाराज !!


*****

(2)


ॐ जय-जय गोल्ज्यू महाराज, 

स्वामी जय गोल्ज्यू महाराज ।

कृपा करो हम दीन रंक पर, 

दुख हरियो प्रभु आज ।।ॐ।।


राज झलराव के तुम बालक होकर, 

जग में बड़े बलवान ।

सब देवों में तुम्हारा, 

प्रथम मान है आज ।। ॐ जय ।।


भान धेवर में धर्म पुत्र बनकर, 

काठ के घोड़े में चढ़ कर ।

दिखाये कई चमत्‍कार, 

किया सभी का उद्धार ।। ॐ जय।।


जो भी भक्तगण भक्तिभाव से, 

गोल्ज्यू दरबार में आये ।

शीश प्रभु के चरणों मे झुकाये, 

उसकी सब बधाये ।

और विघ्न गोल्ज्यू हर लेते ।। ॐ जय ।।


न्याय देवता है प्रभु करते है इंसाफ ।

क्षमा शांति दो हे गोल्ज्यू प्रमाण लो महाराज ।।ॐ जय ।।


जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे, 

प्रभु भक्ति सहित गावे ।

सब दुख उसके मिट जाते, 

पाप उतर जाते ।। ॐ जय ।।


बोलो न्याय देवता श्री 1008 गोल्ज्यू देवता की जय ।


*****
(3)
ओम जय गोलू देवा 
प्रभु जयगोलू स्‍वामी
सदा कृपा बरसाना 
सदा कृपा बरसाना 
हे अन्‍तर्यामी 
ओम जय गोलू स्‍वामी  

ओम जय गोलू देवा 
प्रभु जयगोलू स्‍वामी
सदा कृपा बरसाना 
सदा कृपा बरसाना 
हे अन्‍तर्यामी 
ओम जय गोलू स्‍वामी  

चम्‍पावत में जन्‍मे 
घर घर वास कियो 
प्रभु घर घर वास कियो 
दुखियों के दुख हरने 
दुखियों का दुख हरने 
मानव जन्‍म लियो 
ओम जय गोलू स्‍वामी 

श्‍वेताम्‍बर धारण कर  
श्‍वेत रंग प्रेमी 
प्रभु श्‍वेत रंग प्रेमी 
काष्‍ठ अश्‍व में राजत
काष्‍ठ अश्‍व में राजत
गति है अलबेली 
ओम जय गोलू स्‍वामी 

विनम्र अनुरोध: अपनी उपस्थिति दर्ज करने एवं हमारा उत्साहवर्धन करने हेतु कृपया टिप्पणी (comments) में जय गोलू देवता अवश्य अंकित करें।

*****

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गुरुवार, 3 नवंबर 2022

आरती भगवान श्रीशंकर //जयति जयति जग-निवास // Jayati Jayati Jag Nivas // Shankar Bhagwan ki Aarti in Hindi // Lyrics in Hindi

आरती भगवान श्रीशंकर //जयति जयति जग-निवास // Jayati Jayati Jag Nivas // Shankar Bhagwan ki Aarti in Hindi



जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


अजर अमर अज अरूप, सत चित आनंदरूप,

व्यापक ब्रह्मस्वरूप, भव! भव-भय-हारी ।। 

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


शोभित बिधुबाल भाल, सुरसरिमय जटाजाल,

तीन नयन अति विशाल, मदन-दहन-कारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


भक्तहेतु धरत शूल, करत कठिन शूल फूल,

हियकी सब हरत हूल, अचल शान्तिकारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


अमल अरुण चरण कमल, सफल करत काम सकल,

भक्ति-मुक्ति देत विमल, माया-भ्रम-टारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


कार्तिकेययुत गणेश, हिमतनया सह महेश,

राजत कैलास-देश, अकल कलाधारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


भूषण तन भूति व्याल, मुण्डमाल कर कपाल,

सिंह-चर्म हस्ति खाल, डमरू कर धारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


अशरण जन नित्य शरण, आशुतोष आर्तिहरण,

सब बिधि कल्याण-करण, जय जय त्रिपुरारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।

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सोमवार, 20 जून 2022

जरा बंसी बजा दो मनमोहन || Jara Bansi Baja Do Manmohan || Sarvadev Aarti Lyrics in Hindi || Shiv Aarti || Krishna Aarti

जरा बंसी बजा दो मनमोहन || Jara Bansi Baja Do Manmohan || Sarvadev Aarti Lyrics in Hindi || Shiv Aarti || Krishna Aarti 

(तर्ज - दिल लूटन वाले जादूगर)
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जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
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मेरे हाथ में अगर कपूर बाती
मेरे हाथ में अगर कपूर बाती
हम ज्‍योत जलाने आये हैं 
हम ज्‍योत जलाने आये हैं 
जरा दरश दिखा दो गजानना 
हम आरती करने आये हैं 
जरा दरश दिखा दो गजानना 
हम आरती करने आये हैं
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मेरे हाथ में पान फूल मेवा है 
मेरे हाथ में पान फूल मेवा है 
हम भोग लगाने आये हैं 
हम भोग लगाने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं
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जरा डमरू बजा दो शिवशंकर 
हम आरती करने आये हैं
जरा डमरू बजा दो शिवशंकर 
हम आरती करने आये हैं
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मेरे हाथ में जल का लोटा है 
मेरे हाथ में जल का लोटा है
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं 
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जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं
जरा वीणा बजा दो शारदे माँ 
हम आरती करने आये हैं 
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जरा वीणा बजा दो शारदे माँ 
हम आरती करने आये हैं 
मेरे हाथ में श्‍वेत कमलदल है 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
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जरा बंसी बजा दो मनमोहन
हम आरती करने आये हैं 
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जरा दरश दिखा दो जगदम्‍बा 
हम आरती करने आये हैं 
जरा दरश दिखा दो जगदम्‍बा 
हम आरती करने आये हैं 
मेरे हाथ में लाल चुनरिया है
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं 
मेरे हाथ में लाल चुनरिया है
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
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जरा शंख बजा दो नारायण
हम आरती करने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण
हम आरती करने आये हैं
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जरा चुटकी बजा दो हनुमन्‍त लला 
हम आरती करने आये हैं 
जरा चुटकी बजा दो हनुमन्‍त लला 
हम आरती करने आये हैं 
मेरे हाथ में सिन्‍दुर रोली है 
मेरे हाथ में सिन्‍दुर रोली है 
हम तुम्हें चढाने आये हैं 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
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जरा बंशी बजादो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं
जरा डमरू बजा दो शिवशंकर
हम आरती करने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं 

आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो || Aarti Kije Raja Ramchandra ji ke ho || Shri Ram Chandra Ji Ki Aarti || Lyrics in Hindi

आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै | Arati Kije Raja Ramchandra Ji Ke | RamChandra Aarti Lyrics in Hindi and English
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आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो 
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ऐजी पहली आरती पुष्‍प की माला
पहली आरती पुष्‍प की माला
पुष्‍प की माला हरिहर पुष्‍प की माला 
कालिय नाग नाथ लाये कृष्‍ण गोपाला हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी दूसरी आरती देवकीनन्‍दन 
दूसरी आरती देवकीनन्‍दन 
देवकीनन्‍दन हरिहर देवकीनन्‍दन 
भक्‍त उबारहिं असुर निकन्‍दन हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी तीसरी आरती त्रिभुवन मोहै 
तीसरी आरती त्रिभुवन मोहै
त्रिभुवन मोहै हरिहर त्रिभुवन मोहै 
गरुण सिंहासन राजा रामचन्द्र सोहै हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी चौथी आरती चहुजुग पूजा 
चौथी आरती चहुजुग पूजा 
चहुजुग पूजा हरिहर चहुजुग पूजा 
चहुजुग पूजा रामनाम और न दूजा हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी पंचम आरती रामजी के भावै
पंचम आरती रामजी के भावै
रामजी के भावै हरिहर रामजी के भावै
रामनाम गावै परमपद पावै हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी षष्‍ठम आरती लक्ष्‍मण भ्राता 
षष्‍ठम आरती लक्ष्‍मण भ्राता 
लक्ष्‍मण भ्राता हरिहर लक्ष्‍मण भ्राता 
आरती उतारें कौशिल्‍या माता हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी सप्‍तम आरती ऐसो कीजै
सप्‍तम आरती ऐसो कीजै
ऐसो कीजै हरिहर ऐसो कीजै
ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी अष्‍ठम आरती लंका सिधारे 
अष्टम आरती लंका सिधारे 
लंका सिधारे हरिहर लंका सिधारे 
रावण मारि विभीषण तारे हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी नवम आरती बावन देवा
नवम आरती बावन देवा 
बावन देवा हरिहर बावन देवा 
बलि के द्वार के करे हरि सेवा हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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कंचन थाल कपूर की बाती
कंचन थाल कपूर की बाती 
जगमग ज्‍योति जले सारी राती हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी जो राजा रामजी की आरती गावै 
जो राजा रामजी की आरती गावै
आरती गावै हरिहर आरती गावै
बसि बैकुण्‍ठ अमरपद पावै हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी तुलसी के पत्र कण्‍ठ मन हीरा 
तुलसी के पत्र कण्‍ठमन हीरा 
कण्‍ठमन हीरा हरिहर कण्‍ठमन हीरा 
हुलसि हुलसि गावै दास कबीरा हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै | Arati Kije Raja Ramchandra Ji Ke | RamChandra Aarti Lyrics in Hindi and English
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Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai | Arati Kije Raj Ramchandra Ji Ke | RamChandra Aarti Lyrics in Hindi anda English
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Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho 
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Aijī pahalī āratī puṣhp kī mālā
Pahalī āratī puṣhp kī mālā
Puṣhp kī mālā harihar puṣhp kī mālā 
Kāliya nāg nāth lāye kṛuṣhṇ gopālā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī dūsarī āratī devakīnandan 
Dūsarī āratī devakīnandan 
Devakīnandan harihar devakīnandan 
Bhakt ubārahian asur nikandan ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī tīsarī āratī tribhuvan mohai 
Tīsarī āratī tribhuvan mohai
Tribhuvan mohai harihar tribhuvan mohai 
Garuṇ sianhāsan rājā rāmachandra sohai ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī chauthī āratī chahujug pūjā 
Chauthī āratī chahujug pūjā 
Chahujug pūjā harihar chahujug pūjā 
Chahujug pūjā rāmanām aur n dūjā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī pancham āratī rāmajī ke bhāvai
Pancham āratī rāmajī ke bhāvai
Rāmajī ke bhāvai harihar rāmajī ke bhāvai
Rāmanām gāvai paramapad pāvai ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī ṣhaṣhṭham āratī lakṣhmaṇ bhrātā 
Ṣhaṣhṭham āratī lakṣhmaṇ bhrātā 
Lakṣhmaṇ bhrātā harihar lakṣhmaṇ bhrātā 
Āratī utārean kaushilyā mātā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī saptam āratī aiso kījai
Saptam āratī aiso kījai
Aiso kījai harihar aiso kījai
Dhruv prahalād vibhīṣhaṇ jaisī ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī aṣhṭham āratī lankā sidhāre 
Aṣhṭam āratī lankā sidhāre 
Lankā sidhāre harihar lankā sidhāre 
Rāvaṇ māri vibhīṣhaṇ tāre ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī navam āratī bāvan devā
Navam āratī bāvan devā 
Bāvan devā harihar bāvan devā 
Bali ke dvār ke kare hari sevā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Kanchan thāl kapūr kī bātī
Kanchan thāl kapūr kī bātī 
Jagamag jyoti jale sārī rātī ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī jo rājā rāmajī kī āratī gāvai 
Jo rājā rāmajī kī āratī gāvai
Āratī gāvai harihar āratī gāvai
Basi baikuṇṭha amarapad pāvai ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī tulasī ke patra kaṇṭha man hīrā 
Tulasī ke patra kaṇṭhaman hīrā 
Kaṇṭhaman hīrā harihar kaṇṭhaman hīrā 
Hulasi hulasi gāvai dās kabīrā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई || Om Jay Jwala Mai Maiya Jay Jwala Mai || Jwala Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई || Om Jay Jwala Mai Maiya Jay Jwala Mai || Jwala Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi



ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई |

कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुख दाई ||

ॐ जय ज्वाला माई


मैया जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई |

कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुख दाई ||

ॐ जय ज्वाला माई


अटल अखंड तेरी ज्योति, युग युग से ही जगे |

ऋषि मुनि सुर नर सबको, बड़ी प्यारी माँ लागे ||

ॐ जय ज्वाला माई


पार्वती रूप शिव शक्ति, तू ही माँ अम्बे |

पूजे तुम्हे त्रिभुवन के, देवता जगदम्बे ||

ॐ जय ज्वाला माई


लाखों सूरज फीके ज्योति तेरी आगे |

तेरे चिंतन से माँ भवका भय भागे ||

ॐ जय ज्वाला माई


चरण शरण में चल के जो तेरे द्वारे आये |

खाली कभी न जाए, वांछित फल पाए ||

ॐ जय ज्वाला माई


दुर्गति नाशक चंडिका, तू दानव दलनी |

दिन हिन् की रक्षक तू ही सुख करनी ||

ॐ जय ज्वाला माई


आठों सिद्धियाँ तेरे द्वार भरे पानी |

दान माँ तुझसे लेते बड़े बड़े महादानी ||

ॐ जय ज्वाला माई


चरण कमल तेरी धोकर, ध्यानु ने रस था पिया |

तेरी धुन में खोकर, शीश तेरे भेंट किया ||

ॐ जय ज्वाला माई


भक्तों के काज असंभव, संभव तू करती |

सुख रत्नों से सबकी झोलियाँ तू भरती ||

ॐ जय ज्वाला माई


धुप दीप पुष्पों से होए तेरा अभिषेक |

तेरे दर रंक को राजा बनते हुए देखा ||

ॐ जय ज्वाला माई


अष्ट भुजी सिंह वाहिनी तू माँ रुद्राणी |

धन वैभव यश देना हमको महारानी ||

ॐ जय ज्वाला माई


ज्योति बुझाने आये, राजे अभिमानी |

हार गए वो तुमसे, मूढ़ मति अज्ञानी ||

ॐ जय ज्वाला माई


माई ज्वाला तेरी आरती श्रद्धा से जो गाये |

वो निर्दोष उपासक, भव से तर जाए ||

ॐ जय ज्वाला माई


ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई |

कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुखदायी ||

ॐ जय ज्वाला माई


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ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।| Om Jay Ambe Karni Maiya Jay Ambe Karni || Karni Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।| Om Jay Ambe Karni Maiya Jay Ambe Karni || Karni Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi



ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।

भक्त जनन भय संकट, पल छिनमे हरणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


आदि शक्ति अविनाशी, वेदन में वरणी।

अगम अनंत अगोचर, विश्वरूप धरणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


काली तू किरपाली, दुर्गे दुःख हरणी।

चंडी तूं चिरताली, ब्रह्माणी वरणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


लक्ष्मी तूं हिंगलाजा, आवड़ अ घहरणी।

दैत्य दलण डाढाली, अवनी अबतरणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


ग्राम सुवाप सुहाणो, धिन थलवट धरणी।।

देवला माँ मेहा घर, जनमी जग जननी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


राज दियों रिड़मल ने, कानो खय करणी।

धेन दूहत वणिये को, तारी कर तरणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


शेखो लाय सिन्ध सूं, पेथड़ आचरणी।

दशरथ थान दिपायी, सांपू सुख सरणी।।

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


जेतल भूप जिताड्यो, कमरु दल दलणी।

प्राण बचाय बखत के पीर कला हरणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


परचा गिण नहीं पाउ, मा अशरण शरणी।

सोहन चरण शरण में दास अभय करणी॥

ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।


ॐ जय अम्बे करणी, मैया जय अम्बे करणी।

भक्त जनन भय संकट, पल छिनमे हरणी॥


करणी माता की चालीसा || Karni Mata Ki Chalisa Lyrics in Hindi


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