शनिवार, 6 अप्रैल 2024

जय गङ्गा मैया-माँ जय सुरसरि मैया | श्रीगङ्गाजी की स्‍तुति लिरिक्‍स |Shri Ganga Ji ki Stuti Lyrics in Hindi and English

जय गङ्गा मैया-माँ जय सुरसरि मैया | श्रीगङ्गाजी की स्‍तुति  |Shri Ganga Ji ki Stuti Lyrics in Hindi and English

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जय गङ्गा मैया-माँ जय सुरसरि मैया। 
भव-वारिधि उद्घारिणि अतिहि सुदृढ़ नैया ॥
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हरि-पद-पद्म-प्रसूता विमल वारिधारा। 
ब्रह्मद्रव भागीरथि शुचि पुण्यागारा ॥
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शंकर-जटा बिहारिणि हारिणि त्रय-तापा। 
सगर-पुत्र-गण-तारिणि, हरणि सकल पापा ॥
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गङ्गा-गङ्गा जो जन उच्चारत मुखसों। 
दूर देशमें स्थित भी तुरत तरत सुखसों ॥
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मृतकी अस्थि तनिक तुव जल-धारा पावै। 
सो जन पावन होकर परम धाम जावै ॥
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तव तटबासी तरुवर, जल-थल-चरप्राणी । 
पक्षी-पशु-पतंग गति पावैं निर्वाणी ॥
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मातु ! दयामयि कीजै दीननपर दाया। 
प्रभु-पद-पद्म मिलाकर हरि लीजै माया ॥
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जय गङ्गा मैया-माँ जय सुरसरि मैया | श्रीगङ्गाजी की स्‍तुति  |Shri Ganga Ji ki Stuti Lyrics in Hindi and English

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Jaya gangā maiyā-mā jaya surasari maiyā। 
Bhava-vāridhi udghāriṇi atihi sudṛuḍha naiyā ॥
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Hari-pada-padma-prasūtā vimal vāridhārā। 
Brahmadrav bhāgīrathi shuchi puṇyāgārā ॥
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Shankara-jaṭā bihāriṇi hāriṇi traya-tāpā। 
Sagara-putra-gaṇa-tāriṇi, haraṇi sakal pāpā ॥
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Gangā-gangā jo jan uchchārat mukhasoan। 
Dūr deshamean sthit bhī turat tarat sukhasoan ॥
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Mṛutakī asthi tanik tuv jala-dhārā pāvai। 
So jan pāvan hokar param dhām jāvai ॥
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Tav taṭabāsī taruvara, jala-thala-charaprāṇī । 
Pakṣhī-pashu-patanga gati pāvaian nirvāṇī ॥
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Mātu ! Dayāmayi kījai dīnanapar dāyā। 
Prabhu-pada-padma milākar hari lījai māyā ॥
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