गुरुवार, 3 नवंबर 2022

आरती भगवान श्रीशंकर //जयति जयति जग-निवास // Jayati Jayati Jag Nivas // Shankar Bhagwan ki Aarti in Hindi // Lyrics in Hindi

आरती भगवान श्रीशंकर //जयति जयति जग-निवास // Jayati Jayati Jag Nivas // Shankar Bhagwan ki Aarti in Hindi



जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


अजर अमर अज अरूप, सत चित आनंदरूप,

व्यापक ब्रह्मस्वरूप, भव! भव-भय-हारी ।। 

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


शोभित बिधुबाल भाल, सुरसरिमय जटाजाल,

तीन नयन अति विशाल, मदन-दहन-कारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


भक्तहेतु धरत शूल, करत कठिन शूल फूल,

हियकी सब हरत हूल, अचल शान्तिकारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


अमल अरुण चरण कमल, सफल करत काम सकल,

भक्ति-मुक्ति देत विमल, माया-भ्रम-टारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


कार्तिकेययुत गणेश, हिमतनया सह महेश,

राजत कैलास-देश, अकल कलाधारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


भूषण तन भूति व्याल, मुण्डमाल कर कपाल,

सिंह-चर्म हस्ति खाल, डमरू कर धारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।


अशरण जन नित्य शरण, आशुतोष आर्तिहरण,

सब बिधि कल्याण-करण, जय जय त्रिपुरारी ।।

जयति जयति जग-निवास, शंकर सुखकारी।।

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