आज बनी छबि भारी श्रीराघवजीकी।
सहित जानकी रत्नसिंहास।।।
राजत अवधबिहारी ।।
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रवि, शशि कोटि देखि छबि लाजे ।
तिलक पटल द्युतिकारी।।
बदनमयंक तापत्रयमोचन ।
मंद हासरस न्यारी ।।
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बाम अंग श्रीसीता (जी) सोहैं।
हनुमत आज्ञाकारी।।
गौर श्याम सुंदर तन सोहैं।
चन्द्रबदन उजियारी ।।
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रत्नजटित आभूषण सोहै ।
मोतिनकी छबि भारी ।।
क्रीट मुकुट मकराकृत कुंडल।
गल बनमाला प्यारी ।।
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बाहु विशाल विभूषण सुन्दर ।
कर शुचि सारंगधारी ।।
कटि पट पीत बसनकी सोभा ।
मोहन मदन निहारी ।।
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मुनिजन चरण सरोरुह सेवत ।
ध्यान धरत त्रिपुरारी ।।
आज बनी छबि भारी श्रीराघवजीकी।
सहित जानकी रत्नसिंहासन ।।
राजत अवधबिहारी ।।
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