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रविवार, 12 दिसंबर 2021
परिक्रमा क्या है || कैसे करें परिक्रमा || परिक्रमा का महत्त्व एवं विधि || Parikrama Kya Hai || Parikrama Kaise Kare || Parikrama ka Mahattva aur Vidhi
शनिवार, 11 दिसंबर 2021
शारदा मैया की आरती || जय शारदे माता || Sharda Maiya Ki Aarti || Jay Sharde Mata || Sharada Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi
शारदा मैया की आरती || जय शारदे माता || Sharda Maiya Ki Aarti || Jay Sharde Mata || Sharada Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi
जय शारदे माता
मैया जय शारदे माता
वीणा पुस्तक धारिणी
वीणा पुस्तक धारिणी
विद्या की दाता
मैया जय शारदे माता
जय शारदे माता
मैया जय शारदे माता
वीणा पुस्तक धारिणी
वीणा पुस्तक धारिणी
विद्या की दाता
मैया जय शारदे माता
हंस सवारि विराजत
भक्तों की हितकारी
मैया भक्तों की हितकारी
तुमको निशदिन पूजत
मैया जी को निशदिन पूजत
सेवक नर नारी
मैया जय शारदे माता
कर में हैं फूल कमल के
ज्ञान बुद्धि देती
मैया ज्ञान बुद्धि देती
अज्ञानी हो ज्ञानी
अज्ञानी हो ज्ञानी
हो जग विख्याता
मैया जय शारदे माता
ब्रह्मा विष्णु पूजे
पूजे अविनाशी
मैया पूजे अविनाशी
आके पूजे मैंहर
आके पूजे मैंहर
छोड़ के शिव काशी
मैया जय शारदे माता
अपने पास बुला लो
माता दो शिक्षा
ओ माता दो शिक्षा
तेरे चरण पखारें
तेरे चरण पखारें
है सब की इच्छा
मैया जय शारदे माता
जय शारदे माता
मैया जय शारदे माता
वीणा पुस्तक धारिणी
वीणा पुस्तक धारिणी
विद्या की दाता
मैया जय शारदे माता
जय शारदे माता
मैया जय शारदे माता
वीणा पुस्तक धारिणी
वीणा पुस्तक धारिणी
विद्या की दाता
मैया जय शारदे माता
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शारदा माता की चालीसा || मूर्ति स्वयंभू शारदा || Sharda Mata Ki Chalisa || Murti Swayambhu Sharda || Maihar Wali Mata || Chalisa Lyrics in Hindi
शारदा माता की चालीसा || मूर्ति स्वयंभू शारदा || Sharda Mata Ki Chalisa || Murti Swayambhu Sharda || Maihar Wali Mata || Chalisa Lyrics in Hindi
।। दोहा ।।
मूर्ति स्वयंभू शारदा मैहर आन विराज।
माला पुस्तक धारिणी वीणा कर में साज।।
।। चालीसा ।।
जय जय जय शारदा महारानी।
आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।।
रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता।
तीन लोक महं तुम विख्याता।।
दो सहस्त्र वर्षहि अनुमाना ।
प्रगट भई शारदा जग जाना।।
मैहर नगर विश्व विख्याता ।
जहाँ बैठी शारदा जग माता।।
त्रिकूट पर्वत शारदा वासा।
मैहर नगरी परम प्रकाशा।।
सर्द इन्दु सम बदन तुम्हारो ।
रूप चतुर्भुज अतिशय प्यारो।।
कोटि सुर्य सम तन द्युति पावन।
राज हंस तुम्हरो शचि वाहन।।
कानन कुण्डल लोल सुहवहि ।
उर्मणि भाल अनूप दिखावहिं।।
वीणा पुस्तक अभय धारिणी।
जगत्मातु तुम जग विहारिणी।।
ब्रह्म सुता अखंड अनूपा।
शारदा गुण गावत सुरभूपा।।
हरिहर करहिं शारदा वन्दन।
वरुण कुबेर करहिं अभिनन्दन।।
शारदा रूप चण्डी अवतारा।
चण्ड-मुण्ड असुरन संहारा।।
महिषा सुर वध कीन्हि भवानी।
दुर्गा बन शारदा कल्याणी।।
धरा रूप शारदा भई चण्डी।
रक्त बीज काटा रण मुण्डी।।
तुलसी सूर्य आदि विद्वाना।
शारदा सुयश सदैव बखाना।।
कालिदास भए अति विख्याता।
तुम्हरी दया शारदा माता।।
वाल्मीकि नारद मुनि देवा।
पुनि-पुनि करहिं शारदा सेवा।।
चरण-शरण देवहु जग माया।
सब जग व्यापहिं शारदा माया।।
अणु-परमाणु शारदा वासा।
परम शक्तिमय परम प्रकाशा।।
हे शारद तुम ब्रह्म स्वरूपा।
शिव विरंचि पूजहिं नर भूपा।।
ब्रह्म शक्ति नहि एकउ भेदा।
शारदा के गुण गावहिं वेदा।।
जय जग वन्दनि विश्व स्वरूपा।
निर्गुण-सगुण शारदहिं रूपा।।
सुमिरहु शारदा नाम अखंडा।
व्यापहिं नहिं कलिकाल प्रचण्डा।।
सूर्य चन्द्र नभमण्डल तारे।
शारदा कृपा चमकते सारे।।
उद्भव स्थिति प्रलय कारिणी।
बन्दउ शारदा जगत तारिणी।।
दु:ख दरिद्र सब जाहिं नसाई।
तुम्हारी कृपा शारदा माई।।
परम पुनीत जगत अधारा।
मातु शारदा ज्ञान तुम्हारा।।
विद्या बुद्धि मिलहिं सुखदानी।
जय जय जय शारदा भवानी।।
शारदे पूजन जो जन करहिं।
निश्चय ते भव सागर तरहीं।।
शारद कृपा मिलहिं शुचि ज्ञाना।
होई सकल विधि अति कल्याणा।।
जग के विषय महा दु:खदाई।
भजहुँ शारदा अति सुख पाई।।
परम प्रकाश शारदा तोरा।
दिव्य किरण देवहुँ मम ओरा।।
परमानन्द मगन मन होई।
मातु शारदा सुमिरई जोई।।
चित्त शान्त होवहिं जप ध्याना।
भजहुँ शारदा होवहिं ज्ञाना।।
रचना रचित शारदा केरी।
पाठ करहिं भव छटई फेरी।।
सत् - सत् नमन पढ़ीहे धरिध्याना।
शारदा मातु करहिं कल्याणा।।
शारदा महिमा को जग जाना।
नेति-नेति कह वेद बखाना।।
सत् - सत् नमन शारदा तोरा।
कृपा दृष्टि कीजै मम ओरा।।
जो जन सेवा करहिं तुम्हारी।
तिन कहँ कतहुँ नाहि दु:खभारी।।
जो यह पाठ करै चालीसा।
मातु शारदा देहुँ आशीषा।।
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बुधवार, 8 दिसंबर 2021
श्री शीतला माता की आरती || जय शीतला माता || Shri Shitala Mata Ki Aarti || Jay Sheetala Mata || Aarti Lyrics in Hindi
श्री शीतला माता की आरती || जय शीतला माता || Shri Shitala Mata Ki Aarti || Jay Sheetala Mata || Aarti Lyrics in Hindi
मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी
आदि ज्योति महारानी
सब फल की दाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
जय शीतला माता
मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी
आदि ज्योति महारानी
सब फल की दाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
रतन सिंहासन शोभित
श्वेत छत्र भाता।
मैया श्वेत छत्र भाता।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें
जगमग छवि छाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
विष्णु सेवत ठाढ़े
सेवें शिव धाता।
मैया सेवें शिव धाता
वेद पुराण वरणत
वेद पुराण वरणत
पार नहीं पाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
इन्द्र मृदङ्ग बजावत
चन्द्र वीणा हाथा।
मैया चन्द्र वीणा हाथा।
सूरज ताल बजावै
सूरज ताल बजावै
नारद मुनि गाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
घण्टा शङ्ख शहनाई
बाजै मन भाता।
मैया बाजै मन भाता।
करै भक्तजन आरति
करै भक्तजन आरति
लखि लखि हर्षाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
ब्रह्म रूप वरदानी
तीन काल ज्ञाता।
मैया तीन काल ज्ञाता।
भक्तन को सुख देती
भक्तन को सुख देती
मातु पिता भ्राता।।
ॐ जय शीतला माता।।
जो जन ध्यान लगावे
प्रेम शक्ति पाता।
मैया प्रेम शक्ति पाता।
सकल मनोरथ पावे
सकल मनोरथ पावे
भवनिधि तर जाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
रोगों से जो पीड़ित
शरण तेरी आता।
मैया शरण तेरी आता।
कोढ़ी पावे निर्मल काया
कोढ़ी पावे निर्मल काया
अन्ध नेत्र पाता।।
ॐ जय शीतला माता।।
बांझ पुत्र को पावे
दारिद्र कट जाता।
मैया दारिद्र कट जाता।
ताको भजै जो नाहीं
ताको भजै जो नाहीं
सिर धुनि पछताता।।
ॐ जय शीतला माता।।
शीतल करती जन को
तू ही है जग त्राता।
मैया तू ही है जग त्राता।
उत्पत्ति काल बिनाशन
उत्पत्ति काल बिनाशन
तू सब की माता।।
ॐ जय शीतला माता।।
दास नारायण विनवै
कर जोड़े माता
कर जोड़े माता
भक्ति आपनी दीजै
भक्ति आपनी दीजै
और न कुछ माता।।
ॐ जय शीतला माता।।
जय शीतला माता
मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी
आदि ज्योति महारानी
सब फल की दाता ।।
ॐ जय शीतला माता।।
जय शीतला माता
मैया जय शीतला माता।
आदि ज्योति महारानी
आदि ज्योति महारानी
सब फल की दाता ।।
ॐ जय शीतला माता।।
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मंगलवार, 7 दिसंबर 2021
श्री मनसा देवी की आरती || जय मनसा माता श्री जय मनसा माता || Shri Mansa Devi Ki Aarti || Jay Mansa Mata Shri Mansa Mata || Mansa Mata Aarti Lyrics in Hindi
श्री मनसा देवी की आरती || जय मनसा माता श्री जय मनसा माता || Shri Mansa Devi Ki Aarti || Jay Mansa Mata Shri Mansa Mata || Mansa Mata Aarti Lyrics in Hindi
जय मनसा माता श्री जय मनसा माता
जो नर तुमको ध्याता,
जो नर मैया जी को ध्याता मन वांछित फल पाता।
जय मनसा माता।।
जरत्कारू मुनि पत्नी,
तुम वासुकि भगिनी मैया तुम वासुकि भगिनी
कश्यप की तुम कन्या आस्तीक की माता।।
सुरनर मुनिगण ध्यावत,
सेवत नरनारी मैया सेवत नर नारी
गर्व धन्वन्तरी नाशिनी,
हंस वाहिनी देवी जय नागेश्वरी माता।
जय मनसा माता।।
पर्वतवासिनी संकट नाशिनी,
अक्षय धन दात्री।।
मैया अक्षय धनदात्री
पुत्र पौत्रदायिनी माता,
पुत्र पौत्रदायिनी माता
मन इच्छा फल दाता।
जय मनसा माता।।
मनसा जी की आरती जो कोई नर गाता
मैया जो नर नित गाता
कहत शिवानन्द स्वामी,
रटत हरिहर स्वामी
सुख सम्पति पाता।
जय मनसा माता।।
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