शुक्रवार, 1 नवंबर 2024

ॐ जै यक्ष कुबेर हरे || कुबेर जी की आरती || Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi & English

ॐ जै यक्ष कुबेर हरे || कुबेर जी की आरती || Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi & English

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कौन हैं धन के देवता श्री कुबेर जी
श्री कुबेर जी भारतीय पौराणिक कथाओं में धन और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। उन्हें धन के रक्षक और संपत्ति के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। वे दवों का ग्रह (ग्रह) भी माने जाते हैं और उनकी पूजा से आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है। कुबेर जी को अक्सर हिमालय के राजा और रिद्धि-सिद्धि के देवता के रूप में चित्रित किया जाता है। वे यक्षों के राजा भी हैं। वे उत्तर दिशा के दिक्पाल हैं और लोकपाल (संसार के रक्षक) भी हैं। इनके पिता महर्षि विश्रवा थे और माता देववर्णिणी थीं।
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कुबेर देव की पूजा करने के लाभ
1. धन की प्राप्ति: कुबेर जी की पूजा करने से धन और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
2. व्यापार में सफलता: व्यापारी वर्ग के लिए उनकी पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है।
3. ऋण से मुक्ति: कुबेर जी की कृपा से ऋण से छुटकारा पाया जा सकता है।
4. धन का संरक्षण: पूजा करने से धन का संरक्षण और वृद्धि होती है।
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कुबेर किसका अवतार हैं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धन के देवता कुबेर ऋषि विश्रवा के पुत्र और लंकापति रावण के सौतेले भाई हैं। विश्रवा का पुत्र होने के नाते कुबेर को वैश्रवण भी कहा जाता है। मान्यता हैं कि घर की उत्तर दिशा में कुबेर देव का वास होता है और ये भगवान शिव के परम भक्त और नौ निधियों के देवता माने जाते हैं।
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ॐ जै यक्ष कुबेर हरे 
स्वामी जै यक्ष कुबेर हरे
शरण पड़े भगतों के 
भण्डार कुबेर भरे 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े 
स्वामी भक्त कुबेर बड़े 
दैत्य दानव मानव से 
कई-कई युद्ध लड़े 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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स्वर्ण सिंहासन बैठे 
सिर पर छत्र फिरे 
स्वामी सिर पर छत्र फिरे 
योगिनी मंगल गावैं 
सब जय जयकार करैं 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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गदा त्रिशूल हाथ में 
शस्त्र बहुत धरे 
स्वामी शस्त्र बहुत धरे
दुख भय संकट मोचन 
धनुष टंकार करें 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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भांति भांति के व्यंजन बहुत बने 
स्वामी व्यंजन बहुत बने 
मोहन भोग लगावैं 
साथ में उड़द चने 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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बल बुद्धि विद्या दाता 
हम तेरी शरण पड़े 
स्वामी हम तेरी शरण पड़े 
अपने भक्त जनों के 
सारे काम संवारे 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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मुकुट मणी की शोभा 
मोतियन हार गले 
स्वामी मोतियन हार गले 
अगर कपूर की बाती 
घी की जोत जले 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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यक्ष कुबेर जी की आरती 
जो कोई नर गावे 
स्वामी जो कोई नर गावे 
कहत प्रेमपाल स्वामी 
मनवांछित फल पावे 
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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ॐ जै यक्ष कुबेर हरे || कुबेर जी की आरती || Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi & English

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Aum jai yakṣha kuber hare 
Svāmī jai yakṣha kuber hare
Sharaṇ paḍe bhagatoan ke 
Bhaṇḍār kuber bhare 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Shiv bhaktoan mean bhakta kuber baḍae 
Svāmī bhakta kuber baḍae 
Daitya dānav mānav se 
Kaī-kaī yuddha laḍae 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Svarṇa sianhāsan baiṭhe 
Sir par chhatra fire 
Svāmī sir par chhatra fire 
Yoginī mangal gāvaian 
Sab jaya jayakār karaian 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Gadā trishūl hāth mean 
Shastra bahut dhare 
Svāmī shastra bahut dhare
Dukh bhaya sankaṭ mochan 
Dhanuṣh ṭankār karean 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Bhāanti bhāanti ke vyanjan bahut bane 
Svāmī vyanjan bahut bane 
Mohan bhog lagāvaian 
Sāth mean uḍad chane 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Bal buddhi vidyā dātā 
Ham terī sharaṇ paḍae 
Svāmī ham terī sharaṇ paḍae 
Apane bhakta janoan ke 
Sāre kām sanvāre 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Mukuṭ maṇī kī shobhā 
Motiyan hār gale 
Svāmī motiyan hār gale 
Agar kapūr kī bātī 
Ghī kī jot jale 
Aum jai yakṣha kuber hare
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Yakṣha kuber jī kī āratī 
Jo koī nar gāve 
Svāmī jo koī nar gāve 
Kahat premapāl swāmī 
Manavāanchhit fal pāve 
Aum jai yakṣha kuber hare
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