सोमवार, 20 जून 2022

जरा बंसी बजा दो मनमोहन || Jara Bansi Baja Do Manmohan || Sarvadev Aarti Lyrics in Hindi || Shiv Aarti || Krishna Aarti

जरा बंसी बजा दो मनमोहन || Jara Bansi Baja Do Manmohan || Sarvadev Aarti Lyrics in Hindi || Shiv Aarti || Krishna Aarti 

(तर्ज - दिल लूटन वाले जादूगर)
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जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
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मेरे हाथ में अगर कपूर बाती
मेरे हाथ में अगर कपूर बाती
हम ज्‍योत जलाने आये हैं 
हम ज्‍योत जलाने आये हैं 
जरा दरश दिखा दो गजानना 
हम आरती करने आये हैं 
जरा दरश दिखा दो गजानना 
हम आरती करने आये हैं
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मेरे हाथ में पान फूल मेवा है 
मेरे हाथ में पान फूल मेवा है 
हम भोग लगाने आये हैं 
हम भोग लगाने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं 
जरा बंसी बजा दो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं
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जरा डमरू बजा दो शिवशंकर 
हम आरती करने आये हैं
जरा डमरू बजा दो शिवशंकर 
हम आरती करने आये हैं
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मेरे हाथ में जल का लोटा है 
मेरे हाथ में जल का लोटा है
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं 
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जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं
जरा वीणा बजा दो शारदे माँ 
हम आरती करने आये हैं 
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जरा वीणा बजा दो शारदे माँ 
हम आरती करने आये हैं 
मेरे हाथ में श्‍वेत कमलदल है 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
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जरा बंसी बजा दो मनमोहन
हम आरती करने आये हैं 
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जरा दरश दिखा दो जगदम्‍बा 
हम आरती करने आये हैं 
जरा दरश दिखा दो जगदम्‍बा 
हम आरती करने आये हैं 
मेरे हाथ में लाल चुनरिया है
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं 
मेरे हाथ में लाल चुनरिया है
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
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जरा शंख बजा दो नारायण
हम आरती करने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण
हम आरती करने आये हैं
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जरा चुटकी बजा दो हनुमन्‍त लला 
हम आरती करने आये हैं 
जरा चुटकी बजा दो हनुमन्‍त लला 
हम आरती करने आये हैं 
मेरे हाथ में सिन्‍दुर रोली है 
मेरे हाथ में सिन्‍दुर रोली है 
हम तुम्हें चढाने आये हैं 
हम तुम्‍हें चढाने आये हैं
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जरा बंशी बजादो मनमोहन 
हम आरती करने आये हैं
जरा डमरू बजा दो शिवशंकर
हम आरती करने आये हैं
जरा शंख बजा दो नारायण 
हम आरती करने आये हैं 

आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो || Aarti Kije Raja Ramchandra ji ke ho || Shri Ram Chandra Ji Ki Aarti || Lyrics in Hindi

आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै | Arati Kije Raja Ramchandra Ji Ke | RamChandra Aarti Lyrics in Hindi and English
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आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो 
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ऐजी पहली आरती पुष्‍प की माला
पहली आरती पुष्‍प की माला
पुष्‍प की माला हरिहर पुष्‍प की माला 
कालिय नाग नाथ लाये कृष्‍ण गोपाला हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी दूसरी आरती देवकीनन्‍दन 
दूसरी आरती देवकीनन्‍दन 
देवकीनन्‍दन हरिहर देवकीनन्‍दन 
भक्‍त उबारहिं असुर निकन्‍दन हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी तीसरी आरती त्रिभुवन मोहै 
तीसरी आरती त्रिभुवन मोहै
त्रिभुवन मोहै हरिहर त्रिभुवन मोहै 
गरुण सिंहासन राजा रामचन्द्र सोहै हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी चौथी आरती चहुजुग पूजा 
चौथी आरती चहुजुग पूजा 
चहुजुग पूजा हरिहर चहुजुग पूजा 
चहुजुग पूजा रामनाम और न दूजा हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी पंचम आरती रामजी के भावै
पंचम आरती रामजी के भावै
रामजी के भावै हरिहर रामजी के भावै
रामनाम गावै परमपद पावै हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी षष्‍ठम आरती लक्ष्‍मण भ्राता 
षष्‍ठम आरती लक्ष्‍मण भ्राता 
लक्ष्‍मण भ्राता हरिहर लक्ष्‍मण भ्राता 
आरती उतारें कौशिल्‍या माता हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी सप्‍तम आरती ऐसो कीजै
सप्‍तम आरती ऐसो कीजै
ऐसो कीजै हरिहर ऐसो कीजै
ध्रुव प्रहलाद विभीषण जैसी हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी अष्‍ठम आरती लंका सिधारे 
अष्टम आरती लंका सिधारे 
लंका सिधारे हरिहर लंका सिधारे 
रावण मारि विभीषण तारे हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी नवम आरती बावन देवा
नवम आरती बावन देवा 
बावन देवा हरिहर बावन देवा 
बलि के द्वार के करे हरि सेवा हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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कंचन थाल कपूर की बाती
कंचन थाल कपूर की बाती 
जगमग ज्‍योति जले सारी राती हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी जो राजा रामजी की आरती गावै 
जो राजा रामजी की आरती गावै
आरती गावै हरिहर आरती गावै
बसि बैकुण्‍ठ अमरपद पावै हो
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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एजी तुलसी के पत्र कण्‍ठ मन हीरा 
तुलसी के पत्र कण्‍ठमन हीरा 
कण्‍ठमन हीरा हरिहर कण्‍ठमन हीरा 
हुलसि हुलसि गावै दास कबीरा हो 
आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै 
हरिहर भक्ति करहुँ सन्‍तन सुख दीजै हो
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आरती कीजै राजा रामचन्‍द्र जी कै | Arati Kije Raja Ramchandra Ji Ke | RamChandra Aarti Lyrics in Hindi and English
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Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai | Arati Kije Raj Ramchandra Ji Ke | RamChandra Aarti Lyrics in Hindi anda English
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Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho 
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Aijī pahalī āratī puṣhp kī mālā
Pahalī āratī puṣhp kī mālā
Puṣhp kī mālā harihar puṣhp kī mālā 
Kāliya nāg nāth lāye kṛuṣhṇ gopālā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī dūsarī āratī devakīnandan 
Dūsarī āratī devakīnandan 
Devakīnandan harihar devakīnandan 
Bhakt ubārahian asur nikandan ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī tīsarī āratī tribhuvan mohai 
Tīsarī āratī tribhuvan mohai
Tribhuvan mohai harihar tribhuvan mohai 
Garuṇ sianhāsan rājā rāmachandra sohai ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī chauthī āratī chahujug pūjā 
Chauthī āratī chahujug pūjā 
Chahujug pūjā harihar chahujug pūjā 
Chahujug pūjā rāmanām aur n dūjā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī pancham āratī rāmajī ke bhāvai
Pancham āratī rāmajī ke bhāvai
Rāmajī ke bhāvai harihar rāmajī ke bhāvai
Rāmanām gāvai paramapad pāvai ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī ṣhaṣhṭham āratī lakṣhmaṇ bhrātā 
Ṣhaṣhṭham āratī lakṣhmaṇ bhrātā 
Lakṣhmaṇ bhrātā harihar lakṣhmaṇ bhrātā 
Āratī utārean kaushilyā mātā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī saptam āratī aiso kījai
Saptam āratī aiso kījai
Aiso kījai harihar aiso kījai
Dhruv prahalād vibhīṣhaṇ jaisī ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī aṣhṭham āratī lankā sidhāre 
Aṣhṭam āratī lankā sidhāre 
Lankā sidhāre harihar lankā sidhāre 
Rāvaṇ māri vibhīṣhaṇ tāre ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī navam āratī bāvan devā
Navam āratī bāvan devā 
Bāvan devā harihar bāvan devā 
Bali ke dvār ke kare hari sevā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Kanchan thāl kapūr kī bātī
Kanchan thāl kapūr kī bātī 
Jagamag jyoti jale sārī rātī ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī jo rājā rāmajī kī āratī gāvai 
Jo rājā rāmajī kī āratī gāvai
Āratī gāvai harihar āratī gāvai
Basi baikuṇṭha amarapad pāvai ho
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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Ejī tulasī ke patra kaṇṭha man hīrā 
Tulasī ke patra kaṇṭhaman hīrā 
Kaṇṭhaman hīrā harihar kaṇṭhaman hīrā 
Hulasi hulasi gāvai dās kabīrā ho 
Āratī kījai rājā rāmachandra jī kai 
Harihar bhakti karahu santan sukh dījai ho
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बुधवार, 6 अप्रैल 2022

नमो नमो पीताम्बरा भवानी || Namo Namo Pitambara Bhawani || Shri Pitambara Mata Chalisa Lyrics in Hindi Sanskrit

नमो नमो पीताम्बरा भवानी || Namo Namo Pitambara Bhawani || Shri Pitambara Mata Chalisa Lyrics in Hindi Sanskrit 

श्री बगलामुखी चालीसा


॥ श्री गणेशाय नमः ॥


नमो महाविद्या बरद, बगलामुखी दयाल।

स्तम्भन क्षण में करे, सुमिरत अरिकुल काल ॥ 


नमो नमो पीताम्बरा भवानी, 

बगलामुखी नमो कल्यानी ॥


भक्त वत्सला शत्रु नशानी, 

नमो महाविद्या वरदानी ॥


अमृत सागर बीच तुम्हारा, 

रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा ॥


स्वर्ण सिंहासन पर आसीना, 

पीताम्बर अति दिव्य नवीना ॥


स्वर्णाभूषण सुन्दर धारे, 

सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे ॥


तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, 

धारे मुद्गर पाष कराला ॥


भैरव करें सदा सेवर्काइ, 

सिद्ध काम सब विघ्न नर्साइ ॥


तुम हताश का निपट सहारा, 

करे अकिंचन अरिकल धारा ॥


तुम काली तारा भवनेशी, 

त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी ॥


छिन्नभाल धूमा मातंगी, 

गायत्री तुम बगला रंगी ॥


सकल शक्तियाँ तुम में साजें, 

ह्रीं बीज के बीज बिराजें ॥


दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, 

मारण वशीकरण सम्मोहन ॥


दुष्टोच्चाटन कारक माता, 

अरि जिव्हा कीलक सघाता ॥


साधक के विपति की त्राता, 

नमो महामाया प्रख्याता ॥


मुद्गर शिला लिये अति भारी, 

प्रेतासन पर किये सवारी ॥


तीन लोक दस दिशा भवानी, 

बिचरहु तुम जन हित कल्यानी ॥


अरि अरिष्ट सोचे जो जन को 

बुद्धि नाशकर कीलक तन को ॥


हाथ पांव बांधहुं तुम ताके, 

हनहु जीभ बिच मुदर बाके ॥


चोरों का जब संकट आवे, 

रण में रिपुओं से घिर जावे ॥


अनल अनिल बिप्लव घहरावे, 

वाद विवाद न निर्णय पावे ॥


मूठ आदि अभिचारण संकट, 

राजभीति आपत्ति सन्निकट ॥


ध्यान करत सब कष्ट नसावे, 

भूत प्रेत न बाधा आवे ॥


सुमिरत राजद्वार बंध जावे, 

सभा बीच स्तम्भवन छावे ॥


नाग सर्प बृच्छ्रिकादि भयंकर, 

खल विहंग भागहिं सब सत्वर ॥


सर्व रोग की नाशन हारी, 

अरिकुल मूलोच्चाटन कारी ॥


स्त्री पुरुष राज सम्मोहक, 

नमो नमो पीताम्बर सोहक ॥


तुमको सदा कुबेर मनावें, 

श्री समृद्धि सुयश नित गावें ॥


शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता, 

दुःख दारिद्र विनाशक माता ॥


यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता, 

शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता ॥


पीताम्बरा नमो कल्यानी, 

नमो मातु बगला महारानी ॥


जो तुमको सुमरै चितर्लाइ, 

योग क्षेम से करो सर्हाई ॥


आपत्ति जन की तुरत निवारो, 

आधि व्याधि संकट सब टारो ॥


पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, 

अर्थ न आखर करहूं निहोरी ॥


मैं कुपुत्र अति निवल उपाया, 

हाथ जोड़ षरणागत आया ॥


जग में केवल तुम्हीं सहारा, 

सारे संकट करहुँ निवारा ॥


नमो महादेवी हे माता, 

पीताम्बरा नमो सुखदाता ॥


सौम्य रूप धर बनती माता, 

सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ॥


रौद्र रूप धर षत्रु संहारो, 

अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ॥


नमो महाविद्या आगारा, 

आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ॥


अरि भंजक विपत्ति की त्राता, 

दया करो पीताम्बरी माता ॥

॥ दोहा ॥

रिद्धि सिद्धि दाता तुम्ही, 

अरि समूल कुल काल।

मेरी सब बाधा हरो, 

माँ बगले तत्काल ॥ 


जय जय जय श्री बगला माता || Jay Jay Jay Shri Bagla Mata || Shri Baglamukhi Mata Chalisa Lyrics in Hindi Sanskrit

जय जय जय श्री बगला माता || Jay Jay Jay Shri Bagla Mata || Shri Baglamukhi Mata Chalisa Lyrics in Hindi Sanskrit 



॥ दोहा ॥

सिर नवाइ बगलामुखी लिखूं चालीसा आज॥

कृपा करहु मोपर सदा पूरन हो मम काज ॥


॥ चौपाई ॥

जय जय जय श्री बगला माता ।

आदिशक्ति सब जग की त्राता ॥


बगला सम तब आनन माता ।

एहि ते भयउ नाम विख्याता ॥


शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी ।

अस्‍तुति करहिं देव नर-नारी ॥


पीतवसन तन पर तव राजै ।

हाथहिं मुद्गर गदा विराजै ॥


तीन नयन गल चम्पक माला ।

अमित तेज प्रकटत है भाला ॥


रत्न-जटित सिंहासन सोहै ।

शोभा निरखि सकल जन मोहै ॥


आसन पीतवर्ण महारानी ।

भक्तन की तुम हो वरदानी ॥


पीताभूषण पीतहिं चन्दन ।

सुर नर नाग करत सब वन्दन ॥


एहि विधि ध्यान हृदय में राखै ।

वेद पुराण संत अस भाखै ॥


अब पूजा विधि करौं प्रकाशा ।

जाके किये होत दुख-नाशा ॥


प्रथमहिं पीत ध्वजा फहरावै ।

पीतवसन देवी पहिरावै ॥


कुंकुम अक्षत मोदक बेसन ।

अबिर गुलाल सुपारी चन्दन ॥


माल्य हरिद्रा अरु फल पाना ।

सबहिं चढ़इ धरै उर ध्याना ॥


धूप दीप कर्पूर की बाती ।

प्रेम-सहित तब करै आरती ॥


अस्तुति करै हाथ दोउ जोरे ।

पुरवहु मातु मनोरथ मोरे ॥


मातु भगति तब सब सुख खानी ।

करहुं कृपा मोपर जनजानी ॥


त्रिविध ताप सब दुख नशावहु ।

तिमिर मिटाकर ज्ञान बढ़ावहु ॥


बार-बार मैं बिनवहुं तोहीं ।

अविरल भगति ज्ञान दो मोहीं ॥


पूजनांत में हवन करावै ।

सा नर मनवांछित फल पावै ॥


सर्षप होम करै जो कोई ।

ताके वश सचराचर होई ॥ 


तिल तण्डुल संग क्षीर मिरावै ।

भक्ति प्रेम से हवन करावै ॥


दुख दरिद्र व्यापै नहिं सोई ।

निश्चय सुख-सम्पत्ति सब होई ॥


फूल अशोक हवन जो करई ।

ताके गृह सुख-सम्पत्ति भरई ॥


फल सेमर का होम करीजै ।

निश्चय वाको रिपु सब छीजै ॥


गुग्गुल घृत होमै जो कोई ।

तेहि के वश में राजा होई ॥


गुग्गुल तिल संग होम करावै ।

ताको सकल बंध कट जावै ॥


बीलाक्षर का पाठ जो करहीं ।

बीज मंत्र तुम्हरो उच्चरहीं ॥


एक मास निशि जो कर जापा ।

तेहि कर मिटत सकल संतापा ॥


घर की शुद्ध भूमि जहं होई ।

साध्का जाप करै तहं सोई ॥


सेइ इच्छित फल निश्चय पावै ।

यामै नहिं कदु संशय लावै ॥


अथवा तीर नदी के जाई ।

साधक जाप करै मन लाई ॥


दस सहस्र जप करै जो कोई ।

सक काज तेहि कर सिधि होई ॥


जाप करै जो लक्षहिं बारा ।

ताकर होय सुयशविस्तारा ॥


जो तव नाम जपै मन लाई ।

अल्पकाल महं रिपुहिं नसाई ॥


सप्तरात्रि जो पापहिं नामा ।

वाको पूरन हो सब कामा ॥


नव दिन जाप करे जो कोई ।

व्याधि रहित ताकर तन होई ॥


ध्यान करै जो बन्ध्या नारी ।

पावै पुत्रादिक फल चारी ॥


प्रातः सायं अरु मध्याना ।

धरे ध्यान होवैकल्याना ॥


कहं लगि महिमा कहौं तिहारी ।

नाम सदा शुभ मंगलकारी ॥


पाठ करै जो नित्या चालीसा ।

तेहि पर कृपा करहिं गौरीशा ॥


॥ दोहा ॥

सन्तशरण को तनय हूं

कुलपति मिश्र सुनाम ।

हरिद्वार मण्डल बसूं 

धाम हरिपुर ग्राम ॥


उन्नीस सौ पिचानबे सन् की,

श्रावण शुक्ला मास ।

चालीसा रचना कियौ,

तव चरणन को दास ॥

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मंगलवार, 5 अप्रैल 2022

ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई || Om Jay Jwala Mai Maiya Jay Jwala Mai || Jwala Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi

ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई || Om Jay Jwala Mai Maiya Jay Jwala Mai || Jwala Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi



ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई |

कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुख दाई ||

ॐ जय ज्वाला माई


मैया जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई |

कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुख दाई ||

ॐ जय ज्वाला माई


अटल अखंड तेरी ज्योति, युग युग से ही जगे |

ऋषि मुनि सुर नर सबको, बड़ी प्यारी माँ लागे ||

ॐ जय ज्वाला माई


पार्वती रूप शिव शक्ति, तू ही माँ अम्बे |

पूजे तुम्हे त्रिभुवन के, देवता जगदम्बे ||

ॐ जय ज्वाला माई


लाखों सूरज फीके ज्योति तेरी आगे |

तेरे चिंतन से माँ भवका भय भागे ||

ॐ जय ज्वाला माई


चरण शरण में चल के जो तेरे द्वारे आये |

खाली कभी न जाए, वांछित फल पाए ||

ॐ जय ज्वाला माई


दुर्गति नाशक चंडिका, तू दानव दलनी |

दिन हिन् की रक्षक तू ही सुख करनी ||

ॐ जय ज्वाला माई


आठों सिद्धियाँ तेरे द्वार भरे पानी |

दान माँ तुझसे लेते बड़े बड़े महादानी ||

ॐ जय ज्वाला माई


चरण कमल तेरी धोकर, ध्यानु ने रस था पिया |

तेरी धुन में खोकर, शीश तेरे भेंट किया ||

ॐ जय ज्वाला माई


भक्तों के काज असंभव, संभव तू करती |

सुख रत्नों से सबकी झोलियाँ तू भरती ||

ॐ जय ज्वाला माई


धुप दीप पुष्पों से होए तेरा अभिषेक |

तेरे दर रंक को राजा बनते हुए देखा ||

ॐ जय ज्वाला माई


अष्ट भुजी सिंह वाहिनी तू माँ रुद्राणी |

धन वैभव यश देना हमको महारानी ||

ॐ जय ज्वाला माई


ज्योति बुझाने आये, राजे अभिमानी |

हार गए वो तुमसे, मूढ़ मति अज्ञानी ||

ॐ जय ज्वाला माई


माई ज्वाला तेरी आरती श्रद्धा से जो गाये |

वो निर्दोष उपासक, भव से तर जाए ||

ॐ जय ज्वाला माई


ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई |

कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुखदायी ||

ॐ जय ज्वाला माई


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