ॐ जय -जय शान्तपते | Om Jay Shantpate | Arti Lyrics in Hindi
**ॐ जय -जय शान्तपते
प्रभु जय -जय शान्तपते
पूज्य पिता हम सबके
तुम पालन करते
ॐ जय -जय शान्तपते
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शान्ता संग विराजे
ऋषि श्रृंग बलिहारी
प्रभु ऋषि श्रृंग बलिहारी
जस गिरिजा संग सोहे
भोले त्रिपुरारी
ॐ जय -जय शान्तपते
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लोमपाद की रजधानी में
जब दुर्भिक्ष परयो
प्रभु जब दुर्भिक्ष परयो
वृष्टि हेतु बुलवाये
जाय सुभिक्ष करयो
ॐ जय -जय शान्तपते
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महायज्ञ पुत्रेष्ठी
दशरथ घर कीनो
प्रभु दशरथ घर कीनो
प्रकट भये प्रतिपाला
दीन शरण लीनो ।
ॐ जय -जय शान्तपते
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शीश जटा शुभ सोहे
श्रृंग एक धरता
प्रभु श्रृंग एक धरता
सकल शास्त्र के वेत्ता
हम सबके करता
ॐ जय -जय शान्तपते
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सब बालक हम तेरे
तुम सबके स्वामी
प्रभु तुम सबके स्वामी
शरण गहेंगे तुमरी
ऋषि तव अनुगामी
ॐ जय -जय शान्तपते
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विनय हमारी तुमसे
सब पर कृपा करो
प्रभु सब पर कृपा करो
विद्या बुद्धि बढ़ाओ
उज्ज्वल भाव भरो
ॐ जय -जय शान्तपते
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हम संतान तुम्हारी
श्रद्धा चित्त लावें
प्रभु श्रद्धा चित्त लावें
मंडल आरती ऋषि श्रृंग की
प्रेम सहित गावें
ॐ जय -जय शान्तपते
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