गुरुवार, 21 दिसंबर 2023

ॐ जय -जय शान्तपते | Om Jay Shantpate | श्रृंग ऋषि की आरती | Shring Rishi ki Arti Lyrics in Hindi

ॐ जय -जय शान्तपते | Om Jay Shantpate | Arti Lyrics in Hindi

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ॐ जय -जय शान्तपते  
प्रभु जय -जय शान्तपते 
पूज्य पिता हम सबके 
तुम पालन करते 
ॐ जय -जय शान्तपते  
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शान्ता संग विराजे 
ऋषि श्रृंग बलिहारी  
प्रभु ऋषि श्रृंग बलिहारी
जस गिरिजा संग सोहे 
भोले त्रिपुरारी  
ॐ जय -जय शान्तपते  
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लोमपाद की रजधानी में 
जब दुर्भिक्ष परयो  
प्रभु जब दुर्भिक्ष परयो
वृष्टि हेतु बुलवाये 
जाय सुभिक्ष करयो  
ॐ जय -जय शान्तपते  
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महायज्ञ पुत्रेष्ठी 
दशरथ घर कीनो  
प्रभु दशरथ घर कीनो
प्रकट भये प्रतिपाला 
दीन शरण लीनो । 
ॐ जय -जय शान्तपते 
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शीश जटा शुभ सोहे 
श्रृंग एक धरता  
प्रभु श्रृंग एक धरता
सकल शास्त्र के वेत्ता 
हम सबके करता  
ॐ जय -जय शान्तपते
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सब बालक हम तेरे 
तुम सबके स्वामी  
प्रभु तुम सबके स्वामी 
शरण गहेंगे तुमरी 
ऋषि तव अनुगामी  
ॐ जय -जय शान्तपते
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विनय हमारी तुमसे 
सब पर कृपा करो  
प्रभु सब पर कृपा करो  
विद्या बुद्धि बढ़ाओ
उज्ज्वल भाव भरो  
ॐ जय -जय शान्तपते
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हम संतान तुम्हारी
श्रद्धा चित्त लावें  
प्रभु श्रद्धा चित्त लावें  
मंडल आरती ऋषि श्रृंग की 
प्रेम सहित गावें 
ॐ जय -जय शान्तपते
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