बुधवार, 10 जनवरी 2024

जगमग जगमग जोत जली है | Jagmag Jagmag Jot Jali Hai | Aarti Lyrics in Hindi and English

जगमग जगमग जोत जली है | Jagmag Jagmag Jot Jali Hai | Aarti Lyrics in Hindi

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जगमग जगमग जोत जली है 
राम आरती होन लगी है 
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भक्ति का दीपक प्रेम की बाती 
आरति संत करें दिन राती 
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आनन्द की सरिता उभरी है 
जगमग जगमग जोत जली है 
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कनक सिंघासन सिया समेता 
बैठहिं राम होइ चित चेता 
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वाम भाग में जनक लली है 
जगमग जगमग जोत जली है
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आरति हनुमत के मन भावै 
राम कथा नित शंकर गावै 
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सन्तों की ये भीड़ लगी है 
जगमग जगमग जोत जली है 
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जगमग जगमग जोत जली है | Jagmag Jagmag Jot Jali Hai | Aarti Lyrics in English
Jagamag jagamag jot jalī hai 
Rām āratī hon lagī hai 
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Bhakti kā dīpak prem kī bātī 
Ārati santa karean din rātī 
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Ānanda kī saritā ubharī hai 
Jagamag jagamag jot jalī hai 
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Kanak sianghāsan siyā sametā 
Baiṭhahian rām hoi chit chetā 
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Vām bhāg mean janak lalī hai 
Jagamag jagamag jot jalī hai
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Ārati hanumat ke man bhāvai 
Rām kathā nit shankar gāvai 
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Santoan kī ye bhīḍa lagī hai 
Jagamag jagamag jot jalī hai 
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