बुधवार, 22 जून 2022

Katha Prasang 001 || कथा प्रसंग 001 || जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे || Jo karte Rahoge Bhajan Dhire Dhire

Katha Prasang 001 ||  कथा प्रसंग 001 || जो करते रहोगे  भजन धीरे धीरे || Jo karte Rahoge Bhajan Dhire Dhire 

एक बार की बात है। देवर्षि नारद जी भगवान श्रीहरि विष्‍णु जी से मिलने जा रहे थे। तभी उन्‍होंने मार्ग में देखा कि एक तपस्‍वी एक नीम के पेड के नीचे बैठ कर घोर तपस्‍या कर रहे हैं। नारद जी को विचार आया कि जाकर इनसे मिलना चाहिए। नारद जी तपस्‍वी के पास गये और बताया कि वे श्रीहरि विष्‍णुजी से मिलने जा रहे हैं। नारद जी ने यह भी कहा कि अगर आप कोई सन्‍देश प्रभु श्रीहरि विष्‍णु जी तक पहुँचाना चाहतें हों तो मैं उसे उन तक पहुँचा सकता हूँ। इस पर उन तपस्‍वी ने कहा कि आपकी अत्‍यन्‍त कृपा आज मुझ पर हुई है। आप केवल मेरे एक प्रश्‍न का उत्‍तर श्रीहरि विष्‍णु जी से पूछ कर आइयेगा। नारद जी ने कहा पूँछिये आपका प्रश्‍न क्‍या है। तपस्‍वी ने कहा कि आप उनसे केवल इतना पूँछ कर आइयेगा कि मुझे वे दर्शन कब देंगे। नारद जी नारायण नारायण जपते हुए श्री हरि विष्‍णु जी के श्रीधाम में पहुँचे और उनकी स्‍तुति करके सारा वृतान्‍त कह सुनाया। नारद जी ने तपस्‍वी के प्रश्‍न का उत्‍तर जानने की जिज्ञासा प्रकट की। इस पर भगवान श्रीहरि विष्‍णु ने कहा कि उस नीम के वृक्ष पर जितने पत्‍ते हैं उतने वर्षों के बाद उस तपस्‍वी को मैं दर्शन दूँगा। यह सुनकर नारद जी को बडा दुख हुआ। उन्‍होंने सोचा कि जब मैं तपस्‍वी को यह बात बताऊँगा तो वे बहुत दुखी होंगे। इन्‍हीं बातों पर विचार करते हुए नारद जी जब वापस लौटे तो तपस्‍वी ने उनसे पूँछा कि श्रीहरि ने क्‍या उत्‍तर दिया। नारद जी ने बडे उदास मन से बताया कि श्रीहरि विष्‍णुजी ने कहा है कि इस वृक्ष पर जितने पत्‍ते हैं उतने वर्षों के बाद वे आपको द‍र्शन देंगे। इतना सुनना था कि तपस्‍वी खुशी से झूमने लगे और नृत्‍य करने लगे। नारद जी ने पूँछा कि आप दुखी होने के बजाय खुश हो रहे हैं। तपस्‍वी ने कहा कि अभी तक तो मुझे यह भी पता नहीं था कि श्रीहरि विष्‍णु के मुझे दर्शन होंगे भी या नहीं। किन्‍तु अब मुझे पता चल गया है कि उनके दर्शन होंगे ही। इसीलिए मैं इतना प्रसन्‍न हूँ।

 

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

 

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

 

अगर उनसे मिलने की

दिल में तमन्‍ना

अगर उनसे मिलने की

दिल में तमन्‍ना

अगर प्रभु से मिलने की

दिल में तमन्‍ना

अगर प्रभु से मिलने की

दिल में तमन्‍ना

दिल में तमन्‍ना

दिल में तमन्‍ना

अगर हरि से मिलने की

दिल में तमन्‍ना

अगर हरि से मिलने की

दिल में तमन्‍ना

करो शुद्ध अन्‍त:करण धीरे धीरे

करो शुद्ध अन्‍त:करण धीरे धीरे

 

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

 

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

जो करते रहोगे ....

 

कोई काम दुनिया में

मुश्किल नहीं है

कोई काम दुनिया में

मुश्किल नहीं है

कोई काम दुनिया में

मुश्किल नहीं है

कोई काम दुनिया में

मुश्किल नहीं है

मुश्किल नहीं है

कोई काम दुनिया में

मुश्किल नहीं है

कोई काम दुनिया में

मुश्किल नहीं है

जो करते रहोगे

यतन धीरे धीरे

जो करते रहोगे

यतन धीरे धीरे

 

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

जो करते रहोगे ....

 

करो प्रेम से भक्ति

सेवा हरि की

करो प्रेम से भक्ति

सेवा हरि की

करो प्रेम से भक्ति

पूजा हरि की

 

करो प्रेम से भक्ति

पूजा हरि की

पूजा हरि की

पूजा हरि की

करो प्रेम से भक्ति

पूजा हरि की

करो प्रेम से भक्ति

पूजा हरि की

तो मिल जायेगा

वो रतन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो रतन धीरे धीरे

 

जो करते रहोगे

भजन धीरे धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

तो मिल जायेगा

वो सजन धीरे

 

जो करते रहोगे ....

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