सोमवार, 28 मार्च 2011

श्री नवग्रह चालीसा || Shri Navagraha Chalisa || श्री गणपति गुरुपद कमल || Shri Ganapati Gurupad Kamal || Navagrah Chalisa in Hindi || Nava Grah Chalisa Lyrics

श्री नवग्रह चालीसा || Shri Navagraha Chalisa || श्री गणपति गुरुपद कमल || Shri Ganapati Gurupad Kamal || Navagrah Chalisa in Hindi || Nava Grah Chalisa Lyrics



श्री नवग्रह चालीसा || Shri Navagrah Chalisa

श्री गणपति गुरुपद कमल, 
प्रेम सहित सिरनाय।
नवग्रह चालीसा कहत, 
शारद होत सहाय।।
जय जय रवि शशि सोम बुध 
जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह 
करहुं अनुग्रह आज।।

चौपाई

श्री सूर्य स्तुति || Shri Surya Stuti

प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा, 
करहुं कृपा जनि जानि अनाथा।
हे आदित्य दिवाकर भानू, 
मैं मति मन्द महा अज्ञानू।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा, 
दिनकर द्वादश रूप दिनेशा।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर, 
अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर।

श्री चन्द्र स्तुति || Shri Chandra Stuti

शशि मयंक रजनीपति स्वामी, 
चन्द्र कलानिधि नमो नमामि।
राकापति हिमांशु राकेशा, 
प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर, 
शीत रश्मि औषधि निशाकर।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा, 
शरण शरण जन हरहुं कलेशा।

श्री मंगल स्तुति || Shri Mangal Stuti

जय जय जय मंगल सुखदाता, 
लोहित भौमादिक विख्याता।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी, 
करहुं दया यही विनय हमारी।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी, 
लोहितांग जय जन अघनाशी।
अगम अमंगल अब हर लीजै, 
सकल मनोरथ पूरण कीजै।

श्री बुध स्तुति || Shri Budh Stuti

जय शशि नन्दन बुध महाराजा, 
करहु सकल जन कहं शुभ काजा।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना, 
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन, 
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी, 
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी।

श्री बृहस्पति स्तुति || Shri Brihaspati Stuti

जयति जयति जय श्री गुरुदेवा, 
करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी, 
इन्द्र पुरोहित विद्यादानी।
वाचस्पति बागीश उदारा, 
जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा, 
करहुं सकल विधि पूरण कामा।

श्री शुक्र स्तुति || Shri Shukra Stuti

शुक्र देव पद तल जल जाता, 
दास निरन्तन ध्यान लगाता।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन, 
दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी, 
हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा, 
नर शरीर के तुमही राजा।

श्री शनि स्तुति || Shri Shani Stuti

जय श्री शनिदेव रवि नन्दन, 
जय कृष्णो सौरी जगवन्दन।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा, 
वप्र आदि कोणस्थ ललामा।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा, 
क्षण महं करत रंक क्षण राजा।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला, 
हरहुं विपत्ति छाया के लाला।

श्री राहु स्तुति || Shri Rahu Stuti

जय जय राहु गगन प्रविसइया, 
तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा, 
शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा, 
अर्धकाय जग राखहु लाजा।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु, 
सदा शान्ति और सुख उपजावहु।

श्री केतु स्तुति || Shri Ketu Stuti

जय श्री केतु कठिन दुखहारी, 
करहु सुजन हित मंगलकारी।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला, 
घोर रौद्रतन अघमन काला।
शिखी तारिका ग्रह बलवान, 
महा प्रताप न तेज ठिकाना।
वाहन मीन महा शुभकारी, 
दीजै शान्ति दया उर धारी।

नवग्रह शांति फल || Navagrah Shanti Fal

तीरथराज प्रयाग सुपासा, 
बसै राम के सुन्दर दासा।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी, 
दुर्वासाश्रम जन दुख हारी।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु, 
जन तन कष्ट उतारण सेतू।
जो नित पाठ करै चित लावै, 
सब सुख भोगि परम पद पावै।

दोहा

धन्य नवग्रह देव प्रभु, 
महिमा अगम अपार।
चित नव मंगल मोद गृह 
जगत जनन सुखद्वार।।
यह चालीसा नवोग्रह, 
विरचित सुन्दरदास।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख, 
सर्वानन्द हुलास।।
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शनिवार, 26 मार्च 2011

श्री भैरवनाथ की पौराणिक चालीसा: जय भैरव संकट हरन | Jay Bhairav Sankat Haran | Shri Bhairav Nath Chalisa Lyrics in Hindi & English

श्री भैरवनाथ की पौराणिक चालीसा: जय भैरव संकट हरन | Jay Bhairav Sankat Haran | Shri Bhairav Nath Chalisa Lyrics in Hindi & English 



दोहा
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श्री भैरव संकट हरन 
मंगल करन कृपाल
करहु दया जि दास पे 
निशिदिन दीनदयाल
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चौपाई
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जय डमरूधर नयन विशाला 
श्यामवर्ण, वपु महाकराला
जय त्रिशूलधर जय डमरूधर 
काशी कोतवाल, संकट हर
**
जय गिरिजासुत परम कृपाला 
संकट हरण हरहुं भ्रमजाला
जयति बटुक भैरव भयहारी 
जयति काल भैरव बलधारी
**
अष्ट रूप तुम्हरे सब गाये 
सकल एक ते एक सिवाये
शिवस्वरूप शिव के अनुगामी 
गणाधीश तुम सब के स्वामी
**
जटाजूट पर मुकुट सुहावै 
भालचन्द्र अति शोभा पावै
कटि करधनी घुंघरू बाजै 
दर्शन करत सकल भय भाजै
**
कर त्रिशूल डमरू अति सुन्दर 
मोरपंख को चंवर मनोहर
खप्पर खड्ग लिये बलवाना 
रूप चतुर्भुज नाथ बखाना
**
वाहन श्वान सदा सुखरासी 
तुम अनन्त प्रभु तुम अविनाशी
जय जय जय भैरव भय भंजन 
जय कृपालु भक्तन मनरंजन
**
नयन विशाल लाल अति भारी 
रक्तवर्ण तुम अहहु पुरारी
बं बं बं बोलत दिनराती 
शिव कहं भजहुं असुर आराती
**
एक रूप तुम शम्भु कहाये 
दूजे भैरव रूप बनाये
सेवक तुमहिं तुमहिं प्रभु स्वामी 
सब जग के तुम अन्तर्यामी
**
रक्तवर्ण वपु अहहि तुम्हारा 
श्यामवर्ण कहुं होई प्रचारा
श्वेतवर्ण पुनि कहा बखानी 
तीनि वर्ण तुम्हरे गुणखानी
**
तीन नयन प्रभु परम सुहावहिं 
सुर नर मुनि सब ध्यान लगावहिं
व्याघ्र चर्मधर तुम जग स्वामी 
प्रेतनाथ तुम पूर्ण अकामी
**
चक्रनाथ नकुलेश प्रचण्डा 
निमिष दिगम्बर कीरति चण्डा
क्रोधवत्स भूतेश कालधर 
चक्रतुण्ड दशबाहु व्यालधर
**
अहहिं कोटि प्रभु नाम तुम्हारे 
जयत सदा मेटत दुख भारे
चैसठ योगिनी नाचहिं संगा 
कोधवान तुम अति रणरंगा
**
भूतनाथ तुम परम पुनीता 
तुम भविष्य तुम अहहू अतीता
वर्तमान तुम्हारो शुचि रूपा 
कालजयी तुम परम अनूपा
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ऐलादी को संकट टार्यो 
सदा भक्त को कारज सारयो
कालीपुत्र कहावहु नाथा 
तव चरणन नावहुं नित माथा
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श्री क्रोधेश कृपा विस्तारहु 
दीन जानि मोहि पार उतारहु
भवसागर बूढत दिन-राती 
होहु कृपालु दुष्ट आराती
**
सेवक जानि कृपा प्रभु कीजै 
मोहिं भगति अपनी अब दीजै
करहुं सदा भैरव की सेवा 
तुम समान दूजो को देवा
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अश्वनाथ तुम परम मनोहर 
दुष्टन कहं प्रभु अहहु भयंकर
तम्हरो दास जहां जो होई 
ताकहं संकट परै न कोई
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हरहु नाथ तुम जन की पीरा 
तुम समान प्रभु को बलवीरा
सब अपराध क्षमा करि दीजै 
दीन जानि आपुन मोहिं कीजै
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जो यह पाठ करे चालीसा 
तापै कृपा करहुं जगदीशा
**
दोहा
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जय भैरव जय भूतपति 
जय जय जय सुखकंद
करहु कृपा नित दास पे 
देहुं सदा आनन्द
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श्री भैरवनाथ की पौराणिक चालीसा: जय भैरव संकट हरन | Jay Bhairav Sankat Haran | Shri Bhairav Nath Chalisa Lyrics in Hindi & English 

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Dohā
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Shrī bhairav sankaṭ haran 
Mangal karan kṛupāla
Karahu dayā ji dās pe 
Nishidin dīnadayāla
**
Chaupāī
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Jaya ḍamarūdhar nayan vishālā 
Shyāmavarṇa, vapu mahākarālā
Jaya trishūladhar jaya ḍamarūdhar 
Kāshī kotavāla, sankaṭ hara
**
Jaya girijāsut param kṛupālā 
Sankaṭ haraṇ harahuan bhramajālā
Jayati baṭuk bhairav bhayahārī 
Jayati kāl bhairav baladhārī
**
Aṣhṭa rūp tumhare sab gāye 
Sakal ek te ek sivāye
Shivasvarūp shiv ke anugāmī 
Gaṇādhīsh tum sab ke swāmī
**
Jaṭājūṭ par mukuṭ suhāvai 
Bhālachandra ati shobhā pāvai
Kaṭi karadhanī ghuangharū bājai 
Darshan karat sakal bhaya bhājai
**
Kar trishūl ḍamarū ati sundar 
Morapankha ko chanvar manohara
Khappar khaḍga liye balavānā 
Rūp chaturbhuj nāth bakhānā
**
Vāhan shvān sadā sukharāsī 
Tum ananta prabhu tum avināshī
Jaya jaya jaya bhairav bhaya bhanjan 
Jaya kṛupālu bhaktan manaranjana
**
Nayan vishāl lāl ati bhārī 
Raktavarṇa tum ahahu purārī
Ban ban ban bolat dinarātī 
Shiv kahan bhajahuan asur ārātī
**
Ek rūp tum shambhu kahāye 
Dūje bhairav rūp banāye
Sevak tumahian tumahian prabhu swāmī 
Sab jag ke tum antaryāmī
**
Raktavarṇa vapu ahahi tumhārā 
Shyāmavarṇa kahuan hoī prachārā
Shvetavarṇa puni kahā bakhānī 
Tīni varṇa tumhare guṇakhānī
**
Tīn nayan prabhu param suhāvahian 
Sur nar muni sab dhyān lagāvahian
Vyāghra charmadhar tum jag swāmī 
Pretanāth tum pūrṇa akāmī
**
Chakranāth nakulesh prachaṇḍā 
Nimiṣh digambar kīrati chaṇḍā
Krodhavatsa bhūtesh kāladhar 
Chakratuṇḍa dashabāhu vyāladhara
**
Ahahian koṭi prabhu nām tumhāre 
Jayat sadā meṭat dukh bhāre
Chaisaṭh yoginī nāchahian sangā 
Kodhavān tum ati raṇarangā
**
Bhūtanāth tum param punītā 
Tum bhaviṣhya tum ahahū atītā
Vartamān tumhāro shuchi rūpā 
Kālajayī tum param anūpā
**
Ailādī ko sankaṭ ṭāryo 
Sadā bhakta ko kāraj sārayo
Kālīputra kahāvahu nāthā 
Tav charaṇan nāvahuan nit māthā
**
Shrī krodhesh kṛupā vistārahu 
Dīn jāni mohi pār utārahu
Bhavasāgar būḍhat dina-rātī 
Hohu kṛupālu duṣhṭa ārātī
**
Sevak jāni kṛupā prabhu kījai 
Mohian bhagati apanī ab dījai
Karahuan sadā bhairav kī sevā 
Tum samān dūjo ko devā
**
Ashvanāth tum param manohar 
Duṣhṭan kahan prabhu ahahu bhayankara
Tamharo dās jahāan jo hoī 
Tākahan sankaṭ parai n koī
**
Harahu nāth tum jan kī pīrā 
Tum samān prabhu ko balavīrā
Sab aparādh kṣhamā kari dījai 
Dīn jāni āpun mohian kījai
**
Jo yah pāṭh kare chālīsā 
Tāpai kṛupā karahuan jagadīshā
**
Dohā
**
Jaya bhairav jaya bhūtapati 
Jaya jaya jaya sukhakanda
Karahu kṛupā nit dās pe 
Dehuan sadā ānanda
**

श्री भैरवनाथ की पौराणिक चालीसा: जय भैरव संकट हरन

श्री भैरवनाथ की पौराणिक चालीसा एक शक्तिशाली भक्ति स्तोत्र है, जिसे भगवान भैरव की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गाया जाता है। भगवान भैरव को संकट हरन, बुरी शक्तियों से रक्षा करने और भक्तों के जीवन में शांति और सुख लाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। इस लेख में हम भैरव चालीसा के लाभ, इसके lyrics (स्वर) और अर्थ सहित विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही हम भैरव चालीसा के डाउनलोड लिंक, भैरव चालीसा आरती और बटुक भैरव चालीसा के बारे में भी जानेंगे।

भगवान भैरव का महत्व

भगवान भैरव, जिन्हें काला भैरव भी कहा जाता है, भगवान शिव के रक्षक रूप माने जाते हैं। वे विशेष रूप से बुरी शक्तियों का विनाश करने वाले देवता के रूप में प्रसिद्ध हैं। काशी के रक्षक के रूप में उनकी पूजा का अत्यधिक महत्व है। उनका रूप संकटों को दूर करने और भक्तों को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करने का प्रतीक है।

भैरव चालीसा का लाभ

भैरव चालीसा का पाठ करने से भक्तों को कई लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. सुरक्षा और शांति: भगवान भैरव की आराधना से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में आने वाली सभी बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। उनका आशीर्वाद बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।

  2. व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान: जो व्यक्ति भैरव चालीसा का जाप करता है, उसे जीवन की कठिनाइयों का समाधान मिलता है। यह चालीसा दरिद्रता, रोग और अन्य मानसिक तनावों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।

  3. समृद्धि और आशीर्वाद: भैरव की कृपा से समृद्धि और सुख-शांति का आगमन होता है। यह चालीसा आर्थिक कठिनाइयों से उबरने और जीवन में खुशहाली लाने में मदद करता है।

  4. दुर्भाग्य का नाश: भैरव चालीसा का नियमित पाठ करने से दुर्भाग्य दूर होता है और व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

भैरव चालीसा के lyrics (स्वर) और अर्थ

भैरव चालीसा के 40 श्लोक भगवान भैरव के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन करते हैं। इन श्लोकों में भैरव के रक्षात्मक गुण, उनकी शक्ति, और उनके द्वारा भक्तों को दी जाने वाली सुरक्षा का उल्लेख किया गया है। हर श्लोक का एक गहरा अर्थ है, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होता है।

  1. "जय भैरव संकट हरन"
    यह उद्घोष भगवान भैरव की विशेषता को दर्शाता है, जो सभी संकटों को हरने वाले और भक्तों को हर प्रकार की परेशानी से मुक्त करने वाले हैं।

  2. "श्री भैरव नाथ के मंत्रों से, बुरी शक्तियाँ नष्ट होती हैं"
    इस श्लोक में भगवान भैरव के मंत्रों का महत्व बताया गया है। इन मंत्रों का जाप करने से बुरी शक्तियाँ समाप्त हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

भैरव चालीसा आरती और बटुक भैरव चालीसा

भैरव चालीसा आरती भगवान भैरव की पूजा का एक अन्य रूप है, जिसमें उनकी स्तुति और आराधना की जाती है। यह आरती भगवान भैरव को समर्पित होती है, और इसके माध्यम से भक्त उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

वहीं, बटुक भैरव चालीसा एक विशेष रूप है, जिसे विशेष रूप से बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पढ़ा जाता है। इसे बच्चों को बुरी नजर से बचाने और उन्हें स्वास्थ्य लाभ देने के लिए गाया जाता है।

भैरव चालीसा PDF और डाउनलोड लिंक

अगर आप भैरव चालीसा का पाठ करना चाहते हैं, तो इसे PDF रूप में डाउनलोड करना बेहद आसान है। इंटरनेट पर भैरव चालीसा डाउनलोड लिंक उपलब्ध हैं, जहां से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं और घर पर आसानी से इसका पाठ कर सकते हैं।

  1. भैरव चालीसा PDF डाउनलोड करने के लिए कई वेबसाइट्स और ऐप्स उपलब्ध हैं, जो आपको चालीसा के स्वर, अर्थ और आरती सहित पूरी जानकारी प्रदान करती हैं।

  2. इसके साथ ही श्री काल भैरव चालीसा का विशेष रूप से पूजा के दौरान पाठ किया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान भैरव के काल रूप से संबंधित है।

निष्कर्ष

श्री भैरवनाथ की पौराणिक चालीसा एक शक्तिशाली भक्ति गीत है जो भगवान भैरव की कृपा प्राप्त करने के लिए गाया जाता है। जय भैरव संकट हरन का उद्घोष भगवान भैरव के रक्षात्मक रूप और उनकी शक्ति को दर्शाता है। यह चालीसा बुरी शक्तियों से सुरक्षा, मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त करने का एक प्रभावी उपाय है। भैरव चालीसा PDF डाउनलोड करने और इसके lyrics और अर्थ को समझने से भक्त भगवान भैरव के आशीर्वाद को जीवन में महसूस कर सकते हैं।