शनिवार, 11 दिसंबर 2021

शारदा माता की चालीसा || मूर्ति स्वयंभू शारदा || Sharda Mata Ki Chalisa || Murti Swayambhu Sharda || Maihar Wali Mata || Chalisa Lyrics in Hindi

शारदा माता की चालीसा || मूर्ति स्वयंभू शारदा || Sharda Mata Ki Chalisa || Murti Swayambhu Sharda || Maihar Wali Mata || Chalisa Lyrics in Hindi

(चित्र गूगल से साभार)

।। दोहा ।। 

मूर्ति स्वयंभू शारदा मैहर आन विराज। 

माला पुस्तक धारिणी वीणा कर में साज।।

।। चालीसा ।।

जय जय जय शारदा महारानी। 

आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।।

 

रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता। 

तीन लोक महं तुम विख्याता।। 


दो सहस्त्र वर्षहि अनुमाना ।

प्रगट भई शारदा जग जाना।। 


मैहर नगर विश्व विख्याता ।

जहाँ बैठी शारदा जग माता।। 


त्रिकूट पर्वत शारदा वासा।

मैहर नगरी परम प्रकाशा।। 


सर्द इन्दु सम बदन तुम्हारो ।

रूप चतुर्भुज अतिशय प्यारो।। 


कोटि सुर्य सम तन द्युति पावन। 

राज हंस तुम्हरो शचि वाहन।। 


कानन कुण्डल लोल सुहवहि ।

उर्मणि भाल अनूप दिखावहिं।। 


वीणा पुस्तक अभय धारिणी। 

जगत्मातु तुम जग विहारिणी।। 


ब्रह्म सुता अखंड अनूपा। 

शारदा गुण गावत सुरभूपा।। 


हरिहर करहिं शारदा वन्दन। 

वरुण कुबेर करहिं अभिनन्दन।। 


शारदा रूप चण्‍डी अवतारा। 

चण्ड-मुण्ड असुरन संहारा।। 


महिषा सुर वध कीन्हि भवानी। 

दुर्गा बन शारदा कल्याणी।। 


धरा रूप शारदा भई चण्डी। 

रक्त बीज काटा रण मुण्डी।। 


तुलसी सूर्य आदि विद्वाना। 

शारदा सुयश सदैव बखाना।। 


कालिदास भए अति विख्याता। 

तुम्हरी दया शारदा माता।। 


वाल्मीकि नारद मुनि देवा। 

पुनि-पुनि करहिं शारदा सेवा।। 


चरण-शरण देवहु जग माया। 

सब जग व्यापहिं शारदा माया।।


अणु-परमाणु शारदा वासा। 

परम शक्तिमय परम प्रकाशा।। 


हे शारद तुम ब्रह्म स्वरूपा। 

शिव विरंचि पूजहिं नर भूपा।। 


ब्रह्म शक्ति नहि एकउ भेदा। 

शारदा के गुण गावहिं वेदा।। 


जय जग वन्दनि विश्व स्वरूपा। 

निर्गुण-सगुण शारदहिं रूपा।। 


सुमिरहु शारदा नाम अखंडा। 

व्यापहिं नहिं कलिकाल प्रचण्डा।। 


सूर्य चन्द्र नभमण्डल तारे। 

शारदा कृपा चमकते सारे।। 


उद्भव स्थिति प्रलय कारिणी। 

बन्दउ शारदा जगत तारिणी।। 


दु:ख दरिद्र सब जाहिं नसाई। 

तुम्हारी कृपा शारदा माई।। 


परम पुनीत जगत अधारा।

मातु शारदा ज्ञान तुम्हारा।। 


विद्या बुद्धि मिलहिं सुखदानी। 

जय जय जय शारदा भवानी।। 


शारदे पूजन जो जन करहिं। 

निश्चय ते भव सागर तरहीं।।

 

शारद कृपा मिलहिं शुचि ज्ञाना। 

होई सकल विधि अति कल्याणा।। 


जग के विषय महा दु:खदाई। 

भजहुँ शारदा अति सुख पाई।। 


परम प्रकाश शारदा तोरा। 

दिव्य किरण देवहुँ मम ओरा।। 


परमानन्द मगन मन होई। 

मातु शारदा सुमिरई जोई।।

 

चित्त शान्त होवहिं जप ध्याना। 

भजहुँ शारदा होवहिं ज्ञाना।। 


रचना रचित शारदा केरी।

पाठ करहिं भव छटई फेरी।। 


सत् - सत् नमन पढ़ीहे धरिध्याना। 

शारदा मातु करहिं कल्याणा।। 


शारदा महिमा को जग जाना। 

नेति-नेति कह वेद बखाना।। 


सत् - सत् नमन शारदा तोरा। 

कृपा दृष्टि कीजै मम ओरा।।

 

जो जन सेवा करहिं तुम्हारी। 

तिन कहँ कतहुँ नाहि दु:खभारी।। 


जो यह पाठ करै चालीसा। 

मातु शारदा देहुँ आशीषा।।

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शारदा मैया की आरती || जय शारदे माता || Sharda Maiya Ki Aarti || Jay Sharde Mata || Sharada Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi 


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बुधवार, 8 दिसंबर 2021

श्री शीतला माता की आरती || जय शीतला माता || Shri Shitala Mata Ki Aarti || Jay Sheetala Mata || Aarti Lyrics in Hindi

श्री शीतला माता की आरती || जय शीतला माता || Shri Shitala Mata Ki Aarti || Jay Sheetala Mata || Aarti Lyrics in Hindi 

 
जय शीतला माता

मैया जय शीतला माता।

आदि ज्योति महारानी 

आदि ज्‍योति महारानी 

सब फल की दाता।।

ॐ जय शीतला माता।।

जय शीतला माता

मैया जय शीतला माता।

आदि ज्योति महारानी 

आदि ज्‍योति महारानी 

सब फल की दाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


रतन सिंहासन शोभित

श्वेत छत्र भाता। 

मैया श्‍वेत छत्र भाता।

ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें

ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें

जगमग छवि छाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


विष्णु सेवत ठाढ़े

सेवें शिव धाता। 

मैया सेवें शिव धाता 

वेद पुराण वरणत

वेद पुराण वरणत

पार नहीं पाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


इन्द्र मृदङ्ग बजावत

चन्द्र वीणा हाथा। 

मैया चन्‍द्र वीणा हाथा।

सूरज ताल बजावै

सूरज ताल बजावै

नारद मुनि गाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


घण्टा शङ्ख शहनाई

बाजै मन भाता। 

मैया बाजै मन भाता।

करै भक्तजन आरति

करै भक्तजन आरति

लखि लखि हर्षाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


ब्रह्म रूप वरदानी

तीन काल ज्ञाता।

मैया तीन काल ज्ञाता।

भक्तन को सुख देती

भक्तन को सुख देती

मातु पिता भ्राता।।

ॐ जय शीतला माता।।


जो जन ध्यान लगावे

प्रेम शक्ति पाता।

मैया प्रेम शक्ति पाता।

सकल मनोरथ पावे

सकल मनोरथ पावे

भवनिधि तर जाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


रोगों से जो पीड़ित 

शरण तेरी आता।

मैया शरण तेरी आता।

कोढ़ी पावे निर्मल काया

कोढ़ी पावे निर्मल काया

अन्ध नेत्र पाता।।

ॐ जय शीतला माता।।


बांझ पुत्र को पावे

दारिद्र कट जाता।

मैया दारिद्र कट जाता।

ताको भजै जो नाहीं

ताको भजै जो नाहीं

सिर धुनि पछताता।।

ॐ जय शीतला माता।।


शीतल करती जन को

तू ही है जग त्राता।

मैया तू ही है जग त्राता।

उत्पत्ति काल बिनाशन

उत्पत्ति काल बिनाशन

तू सब की माता।।

ॐ जय शीतला माता।।


दास नारायण विनवै 

कर जोड़े माता 

कर जोड़े माता 

भक्ति आपनी दीजै

भक्ति आपनी दीजै

और न कुछ माता।।

ॐ जय शीतला माता।।


जय शीतला माता

मैया जय शीतला माता।

आदि ज्योति महारानी

आदि ज्योति महारानी

सब फल की दाता ।।

ॐ जय शीतला माता।।


जय शीतला माता

मैया जय शीतला माता।

आदि ज्योति महारानी

आदि ज्योति महारानी

सब फल की दाता ।।

ॐ जय शीतला माता।।

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 श्री शीतला माता की चालीसा || जय जय माता शीतला  तुमहिं धरै जो ध्यान || Shri Sheetala Chalisa || Jay Jay Mata Sheetala || Sheetala Stuti 

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मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

श्री मनसा देवी की आरती || जय मनसा माता श्री जय मनसा माता || Shri Mansa Devi Ki Aarti || Jay Mansa Mata Shri Mansa Mata || Mansa Mata Aarti Lyrics in Hindi

श्री मनसा देवी की आरती || जय मनसा माता श्री जय मनसा माता || Shri Mansa Devi Ki Aarti || Jay Mansa Mata Shri Mansa Mata || Mansa Mata Aarti Lyrics in Hindi


जय मनसा माता श्री जय मनसा माता

जो नर तुमको ध्याता,


जो नर मैया जी को ध्याता मन वांछित फल पाता।

जय मनसा माता।।


जरत्कारू मुनि पत्नी,

तुम वासुकि भगिनी मैया तुम वासुकि भगिनी


कश्यप की तुम कन्या आस्तीक की माता।।

सुरनर मुनिगण ध्यावत,

सेवत नरनारी मैया सेवत नर नारी

गर्व धन्वन्तरी नाशिनी,

हंस वाहिनी देवी जय नागेश्वरी माता।

जय मनसा माता।।


पर्वतवासिनी संकट नाशिनी,

अक्षय धन दात्री।।


मैया अक्षय धनदात्री

पुत्र पौत्रदायिनी माता,

पुत्र पौत्रदायिनी माता

मन इच्छा फल दाता।

जय मनसा माता।।


मनसा जी की आरती जो कोई नर गाता

मैया जो नर नित गाता

कहत शिवानन्द स्वामी,

रटत हरिहर स्वामी

सुख सम्पति पाता।

जय मनसा माता।।

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मनसा देवी की चालीसा || मनसा माँ नागेश्वरी || Mansa Mata Ki Chalisa || Mansa Ma Nageshwari || Mansa Mata Ki Stuti

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मनसा देवी की चालीसा || मनसा माँ नागेश्वरी || Mansa Mata Ki Chalisa || Mansa Ma Nageshwari || Mansa Mata Ki Stuti

मनसा देवी की चालीसा || मनसा माँ नागेश्वरी || Mansa Mata Ki Chalisa || Mansa Ma Nageshwari || Mansa Mata Ki Stuti

 
मनसा माँ नागेश्वरी 

कष्ट हरन सुखधाम।

चिंताग्रस्त हर जीव के 

सिद्ध करो सब काम।।


देवी घट-घट वासिनी 

ह्रदय तेरा विशाल।

निष्ठावान हर भक्त पर 

रहियो सदा तैयार।।


पदमावती भयमोचिनी अम्बा 

सुख संजीवनी माँ जगदंबा।

मनशा पूरक अमर अनंता 

तुमको हर चिंतक की चिंता।।


कामधेनु सम कला तुम्हारी 

तुम्ही हो शरणागत रखवाली।

निज छाया में जिनको लेती 

उनको रोगमुक्त कर देती।।


धनवैभव सुखशांति देना 

व्यवसाय में उन्नति देना।

तुम नागों की स्वामिनी माता 

सारा जग तेरी महिमा गाता।।


महासिद्धा जगपाल भवानी 

कष्ट निवारक माँ कल्याणी।

याचना यही सांझ सवेरे 

सुख संपदा मोह ना फेरे।।


परमानंद वरदायनी मैया 

सिद्धि ज्योत सुखदायिनी मैया।

दिव्य अनंत रत्नों की मालिक 

आवागमन की महासंचालक।।


भाग्य रवि कर उदय हमारा 

आस्तिक माता अपरंपारा।

विद्यमान हो कण कण भीतर 

बस जा साधक के मन भीतर।।


पापभक्षिणी शक्तिशाला 

हरियो दुख का तिमिर ये काला।

पथ के सब अवरोध हटाना 

कर्म के योगी हमें बनाना।।


आत्मिक शांति दीजो मैया 

ग्रह का भय हर लीजो मैया।

दिव्य ज्ञान से युक्त भवानी 

करो संकट से मुक्त भवानी।।


विषहरी कन्या, कश्यप बाला 

अर्चन चिंतन की दो माला।

कृपा भगीरथ का जल दे दो 

दुर्बल काया को बल दे दो।।


अमृत कुंभ है पास तुम्हारे 

सकल देवता दास तुम्हारे।

अमर तुम्हारी दिव्य कलाएँ 

वांछित फल दे कल्प लताएँ।।


परम श्रेष्ठ अनुकम्‍पा वाली 

शरणागत की कर रखवाली।

भूत पिशाचर टोना टंट 

दूर रहे माँ कलह भयंकर।।


सच के पथ से हम ना भटके 

धर्म की दृष्टि में ना खटके।

क्षमा देवी, तुम दया की ज्योति 

शुभ कर मन की हमें तुम होती।।


जो भीगे तेरे भक्ति रस में 

नवग्रह हो जाए उनके वश में।

करुणा तेरी जब हो महारानी 

अनपढ बनते है महाज्ञानी।।


सुख जिन्हें हो तुमने बांटें 

दुख की दीमक उन्हे ना छांटें।

कल्पवृक्ष तेरी शक्ति वाला 

वैभव हमको दे निराला।।


दीनदयाला नागेश्वरी माता 

जो तुम कहती लिखे विधाता।

देखते हम जो आशा निराशा 

माया तुम्हारी का है तमाशा।।


आपद विपद हरो हर जन की 

तुम्हें खबर हर एक के मन की।

डाल के हम पर ममता आँचल 

शांत कर दो समय की हलचल।।


मनसा माँ जग सृजनहारी 

सदा सहायक रहो हमारी।

कष्ट क्लेश ना हमें सतावे 

विकट बला ना कोई भी आवे।।


कृपा सुधा की वृष्टि करना 

हर चिंतक की चिंता हरना।

पूरी करो हर मन की मंशा 

हमें बना दो ज्ञान की हंसा।।


पारसमणियाँ चरण तुम्हारे 

उज्वल करदे भाग्य हमारे।

त्रिभुवन पूजित मनसा माई 

तेरा सुमिरन हो फलदाई।।


इस गृह अनुग्रह रस बरसा दे 

हर जीवन निर्दोष बना दे।

भूलेंगें उपकार ना तेरे

पूजेंगे माँ सांझ सवेरे।।


सिद्ध मनसा सिद्धेश्वरी 

सिद्ध मनोरथ कर।

भक्तवत्सला दो हमें 

सुख संतोष का वर।। 

(चित्र गूगल से साभार)

श्री मनसा देवी की आरती || जय मनसा माता श्री जय मनसा माता || Shri Mansa Devi Ki Aarti || Jay Mansa Mata Shri Mansa Mata || Mansa Mata Aarti Lyrics in Hindi


पार्वती माता की आरती || जय पार्वती माता || Parvati Mata Ki Aarti || Jay Parvati Mata || Parvati Mata Ki Aarti || Aarti Lyrics in Hindi || Shiv Parvati Stuti

पार्वती माता की आरती || जय पार्वती माता || Parvati Mata Ki Aarti || Jay Parvati Mata || Parvati Mata Ki Aarti || Aarti Lyrics in Hindi || Shiv Parvati Stuti


जय पार्वती माता

जै जै पार्वती माता

ब्रह्म सनातन देवी

ब्रह्म सनातन देवी 

शुभ फल की दाता।। जय०


अरि कुल पद्म विनासिनि 

जय सेवक त्राता।

मैया जय सेवक त्राता। 

जग जीवन जगदम्‍बा 

जग जीवन जगदम्‍बा

हरिहर गुण गाता।। जय० 


सिंहक वाहन साजे

कुण्‍डल है साथा

मैया कुण्‍डल है साथा 

देवबन्‍धु जस गावत

देवबन्‍धु जस गावत

नृत्‍य करत ताथा।। जय० 


सतयुग रूप शील अति सुन्‍दर

नाम सती कहलाता

नाम सती कहलाता

हेमांचल घर जनमी

हेमांचल घर जनमी

सखियन संग राता।। जय०


शुंभ निशुम्‍भ विदारे 

हेमांचल स्‍थाता 

मैया हेमांचल स्‍थाता 

सहस्रभुज तनु ध‍रिके 

सहस्रभुज तनु ध‍रिके

चक्र लियो हाथा।। जय०


सृष्टि रूप तुही जननी

शिव संग रंगराता 

मैया शिव संग रंगराता

नन्‍दी भृंगी बीन लही है

नन्‍दी भृंगी बीन लही है

हाथन मदमाता।। जय० 


देवन अरज करत 

तव चित को लाता

मैया तव चित को लाता

गावत दे दे ताली 

गावत दे दे ताली

मन में रंगराता।। जय०


श्री प्रताप आरती मैया की 

जो कोई गाता 

मैया जो कोई गाता

सदा सुखी नित रहता 

सदा सुखी नित रहता 

सुख सम्‍पति पाता।। जय०


जय पार्वति माता 

जय जय पार्वति माता 

ब्रह्म सनातन देवी 

ब्रह्मसनातन देवी 

शुभ फल की दाता।।

जय पार्वती माता 

जय पार्वती माता 

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श्री पार्वती चालीसा || ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे || Brahma Bhed Na Tumro Pave || Shri Parvati Chalisa || Shri Parvati Stuti || Shri Parvati Aarti || Lyrics in Hindi ||


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