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सोमवार, 16 सितंबर 2024

महालक्ष्मी अष्टकम् | Shree Mahalakshmi Astakam Lyrics in Hindi and English

महालक्ष्मी अष्टकम् लिरिक्‍स| Shree Mahalakshmi Astakam Lyrics in Hindi and English
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नमस्तेऽस्तु महामाये 
श्रीपीठे सुरपूजिते ।
शङ्खचक्रगदाहस्ते 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥ 
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नमस्ते गरुडारूढे 
कोलासुरभयंकरि । 
सर्वपापहरे देवि 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥
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सर्वज्ञे सर्ववरदे 
सर्वदुष्टभयंकरि । 
सर्वदुःखहरे देवि 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥ 
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सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि 
भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि । 
मन्त्रमूर्ते सदा देवि 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥ 
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आद्यन्तरहिते देवि 
आद्यशक्तिमहेश्वरि । 
योगजे योगसम्भूते 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते ॥ 
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स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे 
महाशक्तिमहोदरे। 
महापापहरे देवि 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
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पद्मासनस्थिते देवि 
परब्रह्मस्वरूपिणि । 
परमेशि जगन्मात: 
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
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श्वेताम्बरधरे देवि 
नानाल‌ङ्कारभूषिते । 
जगत्स्थिते जगन्मात:
महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥ 
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(श्रुतिफल)
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महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं 
यः पठेद्भक्तिमान्नरः । 
सर्वसिद्धिमवाप्नोति 
राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।। 
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एककाले पठेन्नित्यं 
महापापविनाशनम् । 
द्विकालं यः पठेन्नित्यं 
धनधान्यसमन्वितः ॥ 
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त्रिकालं यः पठेन्नित्यं 
महाशत्रुविनाशनम् । 
महालक्ष्मिर्भवेन्नित्यं 
प्रसन्ना वरदा शुभा ॥ 
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इति श्रीमहालक्ष्मीस्तव॥
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महालक्ष्मी अष्टकम् | Shree Mahalakshmi Astakam Lyrics in Hindi and English
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Namaste’stu mahāmāye 
shrīpīṭhe surapūjite ।
Shankhachakragadāhaste 
mahālakṣhmi namo’stute॥ 
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Namaste garuḍārūḍhe 
kolāsurabhayankari । 
Sarvapāpahare devi 
mahālakṣhmi namo’stute ॥
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Sarvajnye sarvavarade 
sarvaduṣhṭabhayankari । 
Sarvaduahkhahare devi 
mahālakṣhmi namo’stute ॥ 
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Siddhibuddhiprade 
bhuktmuktipradāyini । 
Mantramūrte sadā devi 
mahālakṣhmi namo’stute॥ 
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Ādyantarahite 
ādyashaktimaheshvari । 
Yogaje yogasambhūte 
mahālakṣhmi namo’stute ॥ 
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Sthūlasūkṣhmamahāraudre
mahāshaktimahodare। 
Mahāpāpahare devi 
mahālakṣhmi namo’stute॥
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Padmāsanasthite devi 
parabrahmasvarūpiṇi । 
Parameshi jaganmātar
mahālakṣhmi namo’stute॥
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Shvetāmbaradhare devi 
nānālankārabhūṣhite । 
Jagatsthite jaganmātar
mahālakṣhmi namo’stute॥ 
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(shrutifala)
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Mahālakṣhmyaṣhṭakan stotran 
yah paṭhedbhaktimānnarah । 
Sarvasiddhimavāpnoti 
rājyan prāpnoti sarvadā।। 
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Ekakāle paṭhennityan 
mahāpāpavināshanam । 
Dvikālan yah paṭhennityan
dhanadhānyasamanvitah ॥ 
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Trikālan yah paṭhennityan 
mahāshatruvināshanam । 
Mahālakṣhmirbhavennityan 
prasannā varadā shubhā ॥ 
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Iti shrīmahālakṣhmīstava॥
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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

मुरारिकायकालिमा ललामवारिधारिणी | श्रीयमुना अष्‍टक लिरिक्‍स |Shri Yamuna Ashtak Lyrics in Hindi and English

मुरारिकायकालिमा ललामवारिधारिणी | श्रीयमुना अष्‍टक  |Shri Yamuna Ashtak Lyrics in Hindi and English

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मुरारिकायकालिमा ललामवारिधारिणी
तृणीकृतत्रिविष्टपा त्रिलोकशोकहारिणी।
मनोSनुकूलकूल कुंजपुंजधूतदुर्मदा
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।1।।
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मलापहारिवारिपूरभूरिमण्डितामृता
भृशं प्रपातकप्रवंचनातिपण्डितानिशम्।
सुनन्दनन्दनांगसंगरागरंजिता हिता। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।2।।
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लसत्तरंगसंगधूत भूतजातपातका
नवीनमाधुरीधुरीण भक्तिजातचातका।
तटान्तवासदासहंस संसृता हि कामदा। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।3।।
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विहाररासखेदभेद धीरतीरमारुता
गता गिरामगोचरे यदीयनीरचारुता।
प्रवाहसाहचर्यपूत मेदिनीनदीनदा। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।4।।
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तरंगसंगसैकतांचितान्तरा सदासिता
शरन्निशाकरांशु मंजुमंजरीस-भाजिता।
भवार्चनाय चारुणाम्बुनाधुना विशारदा। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।5।।
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जलान्तकेललिकारिचारुराधिकांगरागिणी
स्वभर्तुरन्य दुर्लभांग संगतांशभागिनी।
स्वदत्तसुप्तसप्त सिन्धुभेदनातिकोविदा। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।6।।
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जलच्युता-ऽच्युतांग रागलम्पटालिशालिनी
विलोलराधिका कचान्तचम्पकालिमालिनी।
सदावगाहनावतीर्णभर्तृभृत्यनारदा। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।7।।
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सदैव नन्दनन्दकेलि शालिकुंजमंजुला
तटोत्थफुल्लमल्लिकाकदम्बरेणुसूज्ज्वला।
जलावगाहिनां नृणां भवाब्धिसिन्धुपारदा। 
धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा।।8।।
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इति श्रीमच्छंकराचार्यविरचितं श्रीयमुनाष्टकं सम्पूर्णम् ।
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मुरारिकायकालिमा ललामवारिधारिणी | श्रीयमुना अष्‍टक  |Shri Yamuna Ashtak Lyrics in Hindi and English

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Murārikāyakālimā lalāmavāridhāriṇī
Tṛuṇīkṛutatriviṣhṭapā trilokashokahāriṇī।
ManoSnukūlakūl kuanjapuanjadhūtadurmadā
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।1।।
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Malāpahārivāripūrabhūrimaṇḍitāmṛutā
Bhṛushan prapātakapravanchanātipaṇḍitānisham।
Sunandanandanāangasangarāgaranjitā hitā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।2।।
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Lasattarangasangadhūt bhūtajātapātakā
Navīnamādhurīdhurīṇ bhaktijātachātakā।
Taṭāntavāsadāsahansa sansṛutā hi kāmadā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।3।।
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Vihārarāsakhedabhed dhīratīramārutā
Gatā girāmagochare yadīyanīrachārutā।
Pravāhasāhacharyapūt medinīnadīnadā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।4।।
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Tarangasangasaikatāanchitāntarā sadāsitā
Sharannishākarāanshu manjumanjarīsa-bhājitā।
Bhavārchanāya chāruṇāmbunādhunā vishāradā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।5।।
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Jalāntakelalikārichārurādhikāangarāgiṇī
Svabharturanya durlabhāanga sangatāanshabhāginī।
Svadattasuptasapta sindhubhedanātikovidā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।6।।
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Jalachyutā-’chyutāanga rāgalampaṭālishālinī
Vilolarādhikā kachāntachampakālimālinī।
Sadāvagāhanāvatīrṇabhartṛubhṛutyanāradā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।7।।
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Sadaiv nandanandakeli shālikuanjamanjulā
Taṭotthafullamallikākadambareṇusūjjvalā।
Jalāvagāhināan nṛuṇāan bhavābdhisindhupāradā। 
Dhunotu me manomalan kalindanandinī sadā।।8।।
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Iti shrīmachchhankarāchāryavirachitan shrīyamunāṣhṭakan sampūrṇam ।
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शनिवार, 30 मार्च 2024

भू-वैकुण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम् | श्रीबदरीनाथाष्टकम् | Shri Badrinath Ashtakam Lyrics in Hindi and English

भू-वैकुण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम् | श्रीबदरीनाथाष्टकम् | Shri Badrinath Ashtakam Lyrics in Hindi and English

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भू-वैकुण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम्  
चतुर्वर्गप्रदातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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तापत्रयहरं साक्षाच्छान्तिपुष्टिबलप्रदम्  
परमानन्ददातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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मद्राः पापक्षयकरं सद्यः कैवल्यदायकम्  
लोकत्रयविधातारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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भक्तवाञ्छाकल्पतरुं करुणारसविग्रहम्  
भवाब्धिपारकर्तारं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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सर्वदेवनुतं शश्वत् सर्वतीर्थास्पदं विभुम्  
लीलयोपात्तवपुषं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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अनादिनिधनं कालकालं भीमयमच्युतम्  
सर्वाश्चर्यमयं देवं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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गन्धमादनकूटस्थं नरनारायणात्मकम्  
बदरीखण्डमध्यस्थं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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शत्रूदासीनमित्राणां सर्वज्ञं समदर्शिनम्  
ब्रह्मानन्दचिदाभासं श्रीबद्रीशं नमाम्यहम् 
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श्रीबद्रीशाष्टकमिदं यः पठेत्प्रयतः शुचिः  
सर्वपापविनिर्मुक्तः स शान्तिं लभते पराम् 
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भू-वैकुण्ठकृतावासं देवदेवं जगत्पतिम् | श्रीबदरीनाथाष्टकम् | Shri Badrinath Ashtakam Lyrics in Hindi and English

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Bhū-vaikuṇṭhakṛutāvāsan devadevan jagatpatim  
Chaturvargapradātāran shrībadrīshan namāmyaham 
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Tāpatrayaharan sākṣhāchchhāntipuṣhṭibalapradam  
Paramānandadātāran shrībadrīshan namāmyaham 
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Madrāah pāpakṣhayakaran sadyah kaivalyadāyakam  
Lokatrayavidhātāran shrībadrīshan namāmyaham 
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Bhaktavānychhākalpataruan karuṇārasavigraham 
Bhavābdhipārakartāran shrībadrīshan namāmyaham
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Sarvadevanutan shashvat sarvatīrthāspadan vibhum 
Līlayopāttavapuṣhan shrībadrīshan namāmyaham 
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Anādinidhanan kālakālan bhīmayamachyutam 
Sarvāshcharyamayan devan shrībadrīshan namāmyaham 
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Gandhamādanakūṭasthan naranārāyaṇātmakam 
Badarīkhaṇḍamadhyasthan shrībadrīshan namāmyaham 
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Shatrūdāsīnamitrāṇāan sarvagnan samadarshinam 
Brahmānandachidābhāsan shrībadrīshan namāmyaham 
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Shrībadrīshāṣhṭakamidan yah paṭhetprayatah shuchiah 
Sarvapāpavinirmuktah s shāntian labhate parām 
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रविवार, 20 अगस्त 2023

श्री ग्‍वेल अष्‍टक \\ Shri Gwel Ashtak Lyrics in Hindi \\ जन्‍म समय मॉं की सौतन ने \\ Janm Samay Maa ki Sautan ne

जन्‍म समय मॉं की सौतन ने | Janm Samay Maa ki Sautan ne | Shri Golu Ashtak | श्री ग्‍वेल अष्‍टक | Shri Gwail Ashtak Lyrics in Hindi 


जन्‍म समय मॉं की सौतन ने 

हे ग्‍वेल दियो तुमको दुख भारी 

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काली के पास में प्रस्‍तर डारिके

डारो तुम्‍हें जहॉं थी बहु झारी 

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बाल न बॉंका हुआ गोरिया तेरो

पा करके यह वेदना सारी 

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मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

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मौसेरी मॉंओं ने जीवित जानके

मारन की तोहि बात बिचारी 

*****

रात समय उस बालक को

धरी आए नदी मह वे अत्‍याचारी 

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होके प्रसन्‍न नदी जल में

उस बालक ने वह रात गुजारी 

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मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

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स्‍वप्‍न दियो भाना धेवर को 

समझाई कथा उसको यह सारी 

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स्‍वप्‍न के बीच लखी उसने 

वह देव स्‍वरूप महाछवि न्‍यारी 

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टूटत स्‍वप्‍न विचारिकैं बात कैं

शोक भयो मन में अति भारी 

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मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

*****

प्रात समय उस धेवर ने 

मन में जब स्‍वप्‍न की बात बिचारी 

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दौडि़ पड्यो नदिया की दिशा वह 

तन मन की सुधि सारी बिसारी 

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कूदि गयो मझधार में धेवर 

देखने को वह रूप सुखारी 

*****

मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

*****

ज्‍योति स्‍वरूप महाछविके 

जल के तल में वह रूप निहारी 

*****

आनन्‍द मग्‍न भयो तब धेवर 

मनहु मिली सुख सम्‍पति भारी 

*****

गोरा था गोरिया नाम धरो 

घर ले गयो विश्‍व की सम्‍पति सारी 

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मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

*****

बाल समय प्‍यारे गोरिया की

तब फैल गई कल कीरति सारी 

*****

झालु के नैन गए ललचाइ

कि आवौं मैं देखिये मूरत न्‍यारी 

*****

बात सुनी जब धेवर की

कहो कैसे बच्‍यो यह नीर मझारी 

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मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

*****

बालक ग्‍वेल ने बालक काल की 

भूपति से कहदी कथा सारी 

*****

नैनन नीर बह्यो नृप को

वह भूल गयो तन की सुधि सारी 

*****

मात की सौतों ने मारन की तोहि

बात किया में थी पूरी बिचारी 

*****

मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

*****

राजा कह्यो उठ लाल मेरे 

तुम्‍हें देख रही चम्‍पावत सारी 

*****

पापी को दण्‍ड दो न्‍यायी को न्‍याय दो 

काली के सारे हरो दुख भारी 

*****

दूध का दूध करो जल का जल

न्‍याय में कीरति फैले तुम्‍हारी 

*****

मौसानी क्‍या कर लेती उसे

जाके नाम से संकट जात है टारी 

नाम से संकट जात हैं टारी 

*****

गौर वर्ण हे ग्‍वेल जी बिनती बारम्‍बार 

कलिका भार उतारने लियो देव अवतार

  

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गुरुवार, 3 नवंबर 2022

श्री अष्टविनायकस्तोत्रं // Shri Ashtavinayakstotram in Hindi // Lyrics in Hindi

श्री अष्टविनायकस्तोत्रं // Shri Ashtavinayakstotram in Hindi


स्वस्ति श्रीगणनायको गजमुखो मोरेश्वरः सिद्धिदः

बल्लालस्तु विनायकस्तथ मढे चिन्तामणिस्थेवरे।

लेण्याद्रौ गिरिजात्मजः सुवरदो विघ्नेश्वरश्चोझरे

ग्रामे रांजणसंस्थितो गणपतिः कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।

 

इति अष्टविनायकस्तोत्रं सम्पूर्णम्।


श्री अष्टविनायकस्तोत्रं का एक अन्‍य स्‍वरूप भी शास्‍त्रों में प्राप्‍त होता है जो कि निम्‍नानुसार है -


स्वस्ति श्रीगणनायकं गजमुखं मोरेश्वरं सिद्धिदं

बल्लालं मुरुडं विनायकं मढं चिन्तामणीस्थेवरम्।

लेण्याद्रिं गिरिजात्मजं सुवरदं विघ्नेश्वरं ओझरं

ग्रामे रांजणसंस्थितं गणपतिः कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।

*****

बुधवार, 19 जनवरी 2022

श्री दुर्गाष्टकम् || Shri Durga Astakam || कात्यायनि महामाये || Katyayani MahaMaye || Shri Durga Mata Stuti || Lyrics in Hindi and Samskrit

श्री दुर्गाष्टकम् || Shri Durga Astakam || कात्यायनि महामाये || Katyayani MahaMaye || Shri Durga Mata Stuti || Lyrics in Hindi and Samskrit 



कात्यायनि महामाये खड्गबाणधनुर्धरे । 

खड्गधारिणि चण्डि दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।१।।


वसुदेवसुते कालि वासुदेवसहोदरी ।

वसुन्धराश्रिये नन्दे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।२।।


योगनिद्रे महानिद्रे योगमाये महेश्वरी ।

योगसिद्धिकरी शुद्धे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।३।। 


शङ्खचक्रगदापाणे शार्ङ्गज्यायतबाहवे । 

पीताम्बरधरे धन्ये दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।४।।


ऋग्यजुस्सामाथर्वाणश्चतुस्सामन्तलोकिनी । 

ब्रह्मस्वरूपिणि ब्राह्मि दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।५।।


वृष्णीनां कुलसम्भूते विष्णुनाथसहोदरी । 

वृष्णिरूपधरे धन्ये दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।६।।


सर्वज्ञे सर्वगे शर्वे सर्वेशे सर्वसाक्षिणी । 

सर्वामृतजटाभारे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।७।।


अष्टबाहु महासत्त्वे अष्टमी नवमी प्रिये । 

अट्टहासप्रिये भद्रे दुर्गादेवि नमोऽस्तु ते ।।८।।


दुर्गाष्टकमिदं पुण्यं भक्तितो यः पठेन्नरः । 

सर्वकाममवाप्नोति दुर्गालोकं स गच्छति ।।९।।


इति श्री दुर्गाष्टकम् ।

*****

सोमवार, 29 नवंबर 2021

श्री काल भैरव अष्टक || Shri Kal Bhairav Astak || देवराजसेव्यमान || Devraj Sevyaman || Bhairavastaka || Kal Bhairav

 श्री काल भैरव अष्टक || Shri Kal Bhairav Astak || देवराजसेव्यमान || Devraj Sevyaman || Bhairavastaka || Kal Bhairav 


देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं 

व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्।

नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। १ ।।


भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं 

नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्।

कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। २।।


शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं 

श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्।

भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। ३ ।।


भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं 

भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम्।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। ४ ।।


धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं 

कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम्।

स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। ५ ।।


रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं 

नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम्।

मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। ६ ।।


अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं 

दृष्टिपात्तनष्टपापजालमुग्रशासनम्।

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। ७ ।।


भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं 

काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम्।

नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं 

काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ।। ८ ।।


।। फल श्रुति ।।


कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं 

ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम्।

शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं 

प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिं नरा ध्रुवम्।।

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रविवार, 11 अप्रैल 2010

संकटमोचन हनुमानाष्टक Sankatmochan Hanumanashtak // बाल समय रबि भक्षि लियो तब // Bal Samay Rabi Bhaksh Liyo Tab

संकटमोचन हनुमानाष्टक Sankatmochan Hanumanashtak // बाल समय रबि भक्षि लियो तब // Bal Samay Rabi Bhaksh Liyo Tab

संकटमोचन हनुमानाष्टक
मत्तगयन्द छन्द
( Bal Samay Ravi Bhaksh Liyo Tab)
बाल समय रबि भक्षि लियो तब
तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सो त्रास भयो जग को
यह संकट काहु सों जात न टारो॥

देवन आनि करी बिनती तब
छांड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥१॥

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि
जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि साप दियो तब
चाहिय कौन बिचार बिचारो॥

कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु
सो तुम दास के सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥२॥

अंगद के संग लेन गये सिय
खोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु
बिना सुधि लाए इहां पगु धारो॥

हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय
सिया-सुधि प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥३॥

रावन त्रास दई सिय को सब
राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु
जाय महा रजनीचर मारो॥

चाहत सीय असोक सों आगि सु
दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥४॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब
प्रान तजे सुत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत
तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो॥

आनि सजीवन हाथ दई तब
लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥५॥

रावन जुद्ध अजान कियो तब
नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल
मोह भयो यह संकट भारो॥

आनि खगेस तबै हनुमान जु
बंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥६॥

बंधु समेत जबै अहिरावन
लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि
देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो॥

जाय सहाय भयो तब ही
अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥७॥

काज किये बड़ देवन के तुम
बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को
जो तुमसों नहिं जात है टारो॥

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु
जो कछु संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥८॥

॥दोहा॥
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥