मंगलवार, 16 सितंबर 2025

श्री झूलेलाल चालीसा हिंदी में | Jhulelal Chalisa Lyrics in Hindi and English

श्री झूलेलाल चालीसा हिंदी में | Jhulelal Chalisa Lyrics in Hindi and English

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श्री झूलेलाल चालीसा हिंदी में | Jhulelal Chalisa Lyrics in Hindi and English
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जलदेवता झूलेलाल जी की स्तुति हेतु चालीसा पाठ के लाभ, महत्व और संपूर्ण पाठ

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झूलेलाल जी को सिंधी समाज और जल के देवता के रूप में पूजा जाता है। इन्हें वरुण देवता का अवतार माना जाता है। जलदेवता झूलेलाल जी की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और उन्नति प्राप्त होती है। भक्तजन उनकी कृपा के लिए झूलेलाल चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। यह चालीसा न केवल भक्ति का अद्भुत माध्यम है बल्कि जीवन के दुखों को दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति का भी साधन है।
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झूलेलाल चालीसा का महत्व (Jhulelal Chalisa Ka Mahatva)

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झूलेलाल जी की स्तुति करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति और शक्ति मिलती है। जलदेवता झूलेलाल जी की कृपा से जीवन के संकट दूर होते हैं। और यदि जीवन में कोई संकट आ भी जाये तो श्री झूलेलाल जी की कृपा से वे शीघ्र ही दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख-समृद्धि और एकता बनी रहती है। भक्त की मनोकामनाएं श्रीझूलेलाल जी अवश्‍य पूर्ण करते हैं। भक्‍तों में सकारात्‍मकता का संचार होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा और बाधाएं दूर होती हैं। मानसिक शांति और आत्मबल पुष्‍ट होता है। चालीसा का पाठ 40 दिनों तक लगातार करने से भक्त को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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झूलेलाल चालीसा पाठ के लाभ (Jhulelal Chalisa Path Ke Labh)

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चालीसा पाठ के लाभ अनेकों हैं, जो भक्त के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। इसका पाठ कठिन समय में हिम्मत और आत्मविश्वास प्रदान करता है तथा कठिनाइयों से लड़ने की क्षमता उत्‍पन्‍न करता है। जीवन की रुकावटें और बाधाएं समाप्त होती हैं। घर-परिवार में शांति और समृद्धि आती है। जल संबंधी समस्याओं और प्राकृतिक विपदाओं से रक्षा होती है। व्यक्ति के भीतर श्रद्धा और भक्ति की भावना बढ़ती है।
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संपूर्ण झूलेलाल चालीसा पाठ (Sampurna Jhulelal Chalisa Path)

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भक्तजन प्रतिदिन प्रातःकाल और सायं काल में झूलेलाल चालीसा का पाठ करते हैं। इस पाठ में झूलेलाल जी के जीवन, चमत्कारों और भक्तों के दुख दूर करने के प्रसंग वर्णित हैं। चालीसा का पाठ करते समय दीप जलाना और शुद्ध भाव से ध्यान लगाना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
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जलदेवता झूलेलाल जी की स्तुति के लिए झूलेलाल चालीसा का पाठ अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। इसके माध्यम से भक्त को आध्यात्मिक बल तो  मिलता ही है साथ ही जीवन के कष्ट भी समाप्त होते हैं। यदि आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो नियमित रूप से श्रद्धा और भक्ति भाव से झूलेलाल चालीसा का पाठ अवश्य करें।
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॥ दोहा ॥
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जय जय जल देवता,
जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उदेरो लाल जय,
झूलेलाल अनूप ॥
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॥ चौपाई ॥
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रतनलाल रतनाणी नंदन ।
जयति देवकी सुत जग वन्दन ॥
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दरियाशाह वरुण अवतारी ।
जय जय लाल साईं सुखकारी ॥
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जय जय होय धर्म की भीरा ।
जिन्दा पीर हरे जन पीरा ॥
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संवत दस सौ सात मंझरा ।
चैत्र शुक्ल द्वितीया भगव वारा ॥४॥
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ग्राम नसरपुर सिंध प्रदेशा ।
प्रभु अवतारे हरे जन कलेशा ॥
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सिन्धु वीर ठट्ठा राजधानी ।
मिरखशाह नौप अति अभिमानी ॥
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कपटी कुटिल क्रूर कुविचारी ।
यवन मलिनमन अत्याचारी ॥
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धर्मांतरण करे सब केरा ।
दुखी हुए जन कष्ट वृंदा ॥८॥
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पित्वाया हाकिम ढिंढोरा ।
हो इस्लाम धर्म चाहुँओरा ॥
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सिंधी प्रजा बहुत घबराई ।
इष्ट देव को टेर लगाएं ॥
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वरुण देव पूजे बहुंभाति ।
बिन जल अन्न गए दिन राती ॥
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सिंधी तीर सब दिन चालीसा ।
घर घर ध्यान लगाये ईशा ॥१२॥
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गरज उठ नाद सिन्धु सहसा ।
चारो और उठ नव हर्षा ॥
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वरुणदेव ने सुनी पुकारा ।
प्रकटे वरुण मीन आसवारा ॥
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दिव्य पुरुष जल ब्रह्मा स्वरूपा ।
कर पुस्तक नवरूप अनुना ॥
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हर्षित हुए सकल नर नारी ।
वरुणदेव की महिमा न्यारी ॥१६॥
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जय जय कारसंभव चाहुँओरा ।
गयी रात आने को भोर॥
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मिरखशाह नौप अत्याचारी ।
नष्ट हो गयी शक्ति सारी ॥
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दूर अधर्म, हरण भू भारा ।
शीघ्र नसरपुर में अवतारा ॥
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रतनराय रातनानी आँगन ।
खेलेंगे, आउंगा बच्चा बन ॥२०॥
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रतनराय घर ख़ुशी आई ।
झूलेलाल अवतारे सब देय बधाई ॥
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घर घर मंगल गीत सुहाए ।
झूलेलाल हरण दुःखे ॥
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मिर्खशाह तक चर्चा आई ।
भेजा मंत्री क्रोध दूरा॥
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मंत्री ने जब बाल निहारा ।
धीरज गया हृदय का सारा ॥२४॥
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देखि मंत्री साईं की लीला ।
अधिक विचित्र विमोहन शीला ॥
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बूढ़ा दिखा युवा सेनानी ।
देखा मंत्री बुद्धि चक्रानी ॥
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योद्धा रूप दिखे भगवाना ।
मंत्री हुए विगत अभिमान ॥
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झूलेलाल दिया आदेश ।
जा तव नूपति कहोसंदेशा ॥२८॥
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मिरखशाह नौप ताजे गुमाना ।
हिन्दू मुस्लिम एक समाना ॥
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बंद करो नित्य अत्याचार ।
त्यागो धर्मान्तरण विचारा ॥
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लेकिन मिर्खशाह अभिमानी ।
वरुणदेव की बात न मानी ॥
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एक दिन हो अश्व सवारा ।
झूलेलाल गये दरबारा ॥३२॥
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मिर्खशाह नौप ने आज्ञा दी ।
झूलेलाल बनाओ बंदी ॥
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किया स्वरूप वरुण का धारण ।
चारो और हुआ जल प्लावन ॥
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पठाकी डूबे उतराये ।
नौप के होश ठिकाने आये ॥
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फिर तब पड़ा चरण में आई ।
जय जय धन्य जय साईं ॥३६॥
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वापस लिया नौपति आदेश ।
दूर दूर सब जन क्लेशा ॥
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संवत दस सौ बीस मंझारी ।
भाद्रशुक्ल चौदस शुभकारी ॥
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भक्तो की हर आधी व्याधि ।
जल में ली जलदेव समाधि ॥
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जो जन धरे आज भी ध्यान ।
उनका वरुण करे कल्याणा ॥४०॥
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॥ दोहा ॥
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चालीसा चालीस दिन पाठ करे जो कोय ।
पावे मन्वांचित फल अरु जीवन सुखमय होय ॥
॥ ॐ श्री वरुणाय नमः ॥
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श्री झूलेलाल चालीसा हिंदी में | Jhulelal Chalisa Lyrics in Hindi and English

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॥ Doha ॥
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Jai Jai Jal Devta,
Jai Jyoti Swaroop ।
Amar Udero Lal Jai,
Jhulelal Anoop ॥
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॥ Chaupai ॥
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Ratanlal Ratanani Nandan ।
Jayati Devki Sut Jag Vandan ॥
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Dariyashah Varun Avatari ।
Jai Jai Lal Saain Sukhkari ॥
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Jai Jai Hoy Dharm Ki Bheera ।
Jinda Peer Hare Jan Peera ॥
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Samvat Das Sau Saat Manjhara ।
Chaitra Shukl Dvitiya Bhagav Vara ॥4॥
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Gram Nasarpur Sindh Pradesh ।
Prabhu Avatare Hare Jan Klesha ॥
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Sindhu Veer Thattha Rajdhani ।
Mirkhshah Naup Ati Abhimani ॥
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Kapati Kutil Krur Kuvichari ।
Yavan Malinman Atyachari ॥
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Dharmantaran Kare Sab Kera ।
Dukhi Hue Jan Kasht Vrinda ॥8॥
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Pitvaya Hakim Dhindhora ।
Ho Islam Dharm Chahuyora ॥
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Sindhi Praja Bahut Ghabrai ।
Isht Dev Ko Ter Lagaye ॥
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Varun Dev Puje Bahumbhati ।
Bin Jal Ann Gaye Din Rati ॥
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Sindhi Teer Sab Din Chalisa ।
Ghar Ghar Dhyan Lagaye Isha ॥12॥
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Garaj Uth Naad Sindhu Sahsa ।
Charo Aur Uth Nav Harsha ॥
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Varun Dev Ne Suni Pukara ।
Prakate Varun Meen Aswara ॥
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Divya Purush Jal Brahma Swaroopa ।
Kar Pustak Navroop Anuna ॥
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Harshit Hue Sakal Nar Naari ।
Varun Dev Ki Mahima Nyari ॥16॥
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Jai Jai Karasambhav Chahuyora ।
Gayi Raat Aane Ko Bhor ॥
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Mirkhshah Naup Atyachari ।
Nasht Ho Gayi Shakti Saari ॥
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Door Adharm, Haran Bhu Bhaara ।
Shighra Nasarpur Mein Avtara ॥
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Ratanray Ratanani Aangan ।
Khelenge, Aaunga Bachcha Ban ॥20॥
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Ratanray Ghar Khushi Aayi ।
Jhulelal Avatare Sab Dey Badhai ॥
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Ghar Ghar Mangal Geet Suhaye ।
Jhulelal Haran Dukhe ॥
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Mirkhshah Tak Charcha Aayi ।
Bheja Mantri Krodh Doora ॥
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Mantri Ne Jab Baal Nihara ।
Dheeraj Gaya Hriday Ka Saara ॥24॥
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Dekhi Mantri Saain Ki Leela ।
Adhik Vichitra Vimohan Sheela ॥
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Boodha Dikha Yuva Senani ।
Dekha Mantri Buddhi Chakrani ॥
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Yoddha Roop Dikhe Bhagwana ।
Mantri Hue Vigt Abhiman ॥
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Jhulelal Diya Aadesh ।
Ja Tav Nupati Kaho Sandesha ॥28॥
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Mirkhshah Naup Taje Gumana ।
Hindu Muslim Ek Samana ॥
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Band Karo Nitya Atyachar ।
Tyago Dharmantaran Vichara ॥
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Lekin Mirkhshah Abhimani ।
Varun Dev Ki Baat Na Mani ॥
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Ek Din Ho Ashva Sawara ।
Jhulelal Gaye Darbara ॥32॥
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Mirkhshah Naup Ne Aagya Di ।
Jhulelal Banao Bandi ॥
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Kiya Swaroop Varun Ka Dharan ।
Charo Aur Hua Jal Plavan ॥
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Pathaki Doobe Utaraye ।
Naup Ke Hosh Thikane Aaye ॥
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Fir Tab Pada Charan Mein Aayi ।
Jai Jai Dhanya Jai Saain ॥36॥
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Vapas Liya Naupati Aadesh ।
Door Door Sab Jan Klesha ॥
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Samvat Das Sau Bees Manjhari ।
Bhadra Shukl Chaudas Shubhkaari ॥
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Bhakto Ki Har Adhi Vyadhi ।
Jal Mein Li Jaldev Samadhi ॥
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Jo Jan Dhare Aaj Bhi Dhyan ।
Unka Varun Kare Kalyaan ॥40॥
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॥ Doha ॥
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Chalisa Chalis Din Paath Kare Jo Koy ।
Paave Manvanchhit Phal Aru Jeevan Sukhmaya Hoy ॥
॥ Om Shri Varunay Namah ॥
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Frequently Asked Questions (FAQ) : Jhulelal Chalisa

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1. झूलेलाल जी कौन हैं?
झूलेलाल जी को जलदेवता और वरुण देव का अवतार माना जाता है। वे सिंधी समाज के आराध्य देव हैं और जल तथा जीवन के रक्षक कहलाते हैं।
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2. झूलेलाल चालीसा का महत्व क्या है?
झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से जीवन के संकट दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
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3. झूलेलाल चालीसा पाठ कब करना चाहिए?
भक्तजन प्रातःकाल या सायंकाल शुद्ध मन और भक्ति भाव से दीप जलाकर चालीसा का पाठ करते हैं।
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4. चालीसा का पाठ कितने दिनों तक करना शुभ होता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झूलेलाल चालीसा का 40 दिनों तक लगातार पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
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5. झूलेलाल चालीसा पढ़ने के लाभ क्या हैं?
इस पाठ से दुख, संकट और बाधाएं दूर होती हैं, मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
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6. क्या झूलेलाल चालीसा पाठ जल संबंधी समस्याओं से रक्षा करता है?
हाँ, मान्यता है कि चालीसा पाठ से जल संबंधी रोग, आपदा या विपत्ति से सुरक्षा मिलती है।
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7. झूलेलाल चालीसा पाठ करने की सही विधि क्या है?
स्नान करके, दीपक जलाकर और शुद्ध मन से ध्यान लगाकर चालीसा का पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
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8. क्या स्त्रियाँ भी झूलेलाल चालीसा का पाठ कर सकती हैं?
हाँ, स्त्री-पुरुष दोनों ही भक्ति भाव से चालीसा पाठ कर सकते हैं और झूलेलाल जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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9. क्या झूलेलाल चालीसा पाठ से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं?
हाँ, श्रद्धा और विश्वास के साथ नियमित रूप से चालीसा पाठ करने पर भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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10. झूलेलाल चालीसा का पाठ किन लोगों को विशेष रूप से करना चाहिए?
जो व्यक्ति जीवन में संकट, मानसिक तनाव, जल संबंधी समस्या या परिवारिक कलह से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह पाठ विशेष लाभकारी है।
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