ॐ जै यक्ष कुबेर हरे || कुबेर जी की आरती || Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi & English
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कौन हैं धन के देवता श्री कुबेर जी
कौन हैं धन के देवता श्री कुबेर जी
श्री कुबेर जी भारतीय पौराणिक कथाओं में धन और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। उन्हें धन के रक्षक और संपत्ति के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। वे दवों का ग्रह (ग्रह) भी माने जाते हैं और उनकी पूजा से आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है। कुबेर जी को अक्सर हिमालय के राजा और रिद्धि-सिद्धि के देवता के रूप में चित्रित किया जाता है। वे यक्षों के राजा भी हैं। वे उत्तर दिशा के दिक्पाल हैं और लोकपाल (संसार के रक्षक) भी हैं। इनके पिता महर्षि विश्रवा थे और माता देववर्णिणी थीं।
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कुबेर देव की पूजा करने के लाभ
1. धन की प्राप्ति: कुबेर जी की पूजा करने से धन और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
2. व्यापार में सफलता: व्यापारी वर्ग के लिए उनकी पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है।
3. ऋण से मुक्ति: कुबेर जी की कृपा से ऋण से छुटकारा पाया जा सकता है।
4. धन का संरक्षण: पूजा करने से धन का संरक्षण और वृद्धि होती है।
1. धन की प्राप्ति: कुबेर जी की पूजा करने से धन और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
2. व्यापार में सफलता: व्यापारी वर्ग के लिए उनकी पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है।
3. ऋण से मुक्ति: कुबेर जी की कृपा से ऋण से छुटकारा पाया जा सकता है।
4. धन का संरक्षण: पूजा करने से धन का संरक्षण और वृद्धि होती है।
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कुबेर किसका अवतार हैं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धन के देवता कुबेर ऋषि विश्रवा के पुत्र और लंकापति रावण के सौतेले भाई हैं। विश्रवा का पुत्र होने के नाते कुबेर को वैश्रवण भी कहा जाता है। मान्यता हैं कि घर की उत्तर दिशा में कुबेर देव का वास होता है और ये भगवान शिव के परम भक्त और नौ निधियों के देवता माने जाते हैं।
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ॐ जै यक्ष कुबेर हरे स्वामी जै यक्ष कुबेर हरे
शरण पड़े भगतों के
भण्डार कुबेर भरे
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े
स्वामी भक्त कुबेर बड़े
दैत्य दानव मानव से
कई-कई युद्ध लड़े
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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स्वर्ण सिंहासन बैठे
सिर पर छत्र फिरे
स्वामी सिर पर छत्र फिरे
योगिनी मंगल गावैं
सब जय जयकार करैं
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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गदा त्रिशूल हाथ में
शस्त्र बहुत धरे
स्वामी शस्त्र बहुत धरे
दुख भय संकट मोचन
धनुष टंकार करें
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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भांति भांति के व्यंजन बहुत बने
स्वामी व्यंजन बहुत बने
मोहन भोग लगावैं
साथ में उड़द चने
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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बल बुद्धि विद्या दाता
हम तेरी शरण पड़े
स्वामी हम तेरी शरण पड़े
अपने भक्त जनों के
सारे काम संवारे
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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मुकुट मणी की शोभा
मोतियन हार गले
स्वामी मोतियन हार गले
अगर कपूर की बाती
घी की जोत जले
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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यक्ष कुबेर जी की आरती
जो कोई नर गावे
स्वामी जो कोई नर गावे
कहत प्रेमपाल स्वामी
मनवांछित फल पावे
ॐ जै यक्ष कुबेर हरे
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ॐ जै यक्ष कुबेर हरे || कुबेर जी की आरती || Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi & English
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Aum jai yakṣha kuber hare
Svāmī jai yakṣha kuber hare
Sharaṇ paḍe bhagatoan ke
Bhaṇḍār kuber bhare
Aum jai yakṣha kuber hare
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Shiv bhaktoan mean bhakta kuber baḍae
Svāmī bhakta kuber baḍae
Daitya dānav mānav se
Kaī-kaī yuddha laḍae
Aum jai yakṣha kuber hare
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Svarṇa sianhāsan baiṭhe
Sir par chhatra fire
Svāmī sir par chhatra fire
Yoginī mangal gāvaian
Sab jaya jayakār karaian
Aum jai yakṣha kuber hare
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Gadā trishūl hāth mean
Shastra bahut dhare
Svāmī shastra bahut dhare
Dukh bhaya sankaṭ mochan
Dhanuṣh ṭankār karean
Aum jai yakṣha kuber hare
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Bhāanti bhāanti ke vyanjan bahut bane
Svāmī vyanjan bahut bane
Mohan bhog lagāvaian
Sāth mean uḍad chane
Aum jai yakṣha kuber hare
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Bal buddhi vidyā dātā
Ham terī sharaṇ paḍae
Svāmī ham terī sharaṇ paḍae
Apane bhakta janoan ke
Sāre kām sanvāre
Aum jai yakṣha kuber hare
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Mukuṭ maṇī kī shobhā
Motiyan hār gale
Svāmī motiyan hār gale
Agar kapūr kī bātī
Ghī kī jot jale
Aum jai yakṣha kuber hare
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Yakṣha kuber jī kī āratī
Jo koī nar gāve
Svāmī jo koī nar gāve
Kahat premapāl swāmī
Manavāanchhit fal pāve
Aum jai yakṣha kuber hare
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