शनिवार, 20 जनवरी 2024

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी | Chintapurni Chinta Dur Karni | Chintapurni Aarti Lyrics in Hindi

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी | Chintapurni Chinta Dur Karni | Chintapurni Aarti Lyrics in Hindi and English

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चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
जन को तारो भोली मां 
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा 
सिंह पर भई असवार भोली मां
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा 
तीजे त्रिशूल संभालो,
भोली मां। 
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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चौथे हाथ चक्कर गदा 
पांचवे-छठे मुंडो की माला,
भोली मां
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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सातवें से रूंड मुंड बिदारे 
आठवे से असुर संहारो ,
भोली मां....
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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चम्‍पे का बाग लगा अति सुंदर 
बैठी दीवान दीवान लगाये,
भोली मां 
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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हरि ब्रम्हा तेरे भवन विराजे 
लाल चंदोया बैठी तरल 
भोली मां....
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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औखी घाटी विकटा पैंडा 
तले बहे दरिया ,
भोली मां....
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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सुमन चरण ध्यानु जस गावे 
भक्‍तां दी पज निभाओ भोली मां 
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी 
जन को तारो भोली मां
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चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी | Chintapurni Chinta Dur Karni | Chintapurni Aarti Lyrics in Hindi and English

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Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
Jan ko tāro bholī māan 
Kālī dā putra pavan dā ghoḍa़ā 
Sianha par bhaī asavār bholī māan
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Ek hāth khaḍag dūje mean khāanḍā 
Tīje trishūl sanbhālo,
Bholī māan
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Chauthe hāth chakkar gadā 
Pāanchave-chhaṭhe muanḍo kī mālā,
Bholī māan
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Sātavean se rūanḍa muanḍa bidāre 
Āṭhave se asur sanhāro ,
Bholī māan
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Champe kā bāg lagā ati suandar 
Baiṭhī dīvān dīvān lagāye,
Bholī māan 
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Hari bramhā tere bhavan virāje 
Lāl chandoyā baiṭhī taral 
Bholī māan
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Aukhī ghāṭī vikaṭā paianḍā 
Tale bahe dariyā ,
Bholī māan
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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Suman charaṇ dhyānu jas gāve 
Bhaktāan dī paj nibhāo bholī māan 
Chiantapūrṇī chiantā dūr karanī 
Jan ko tāro bholī māan
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चिन्तापूर्णि देवी (Chintpurni Devi) एक संक्षिप्‍त परिचय :

पौराणिक कथा: चिन्तापूर्णि देवी की कथा के अनुसार, राजा दशरथ नामक एक राजा था जो अपनी नगरी का नाम बाड़ी रखता था। राजा की पत्नी का नाम धृति था और उन्हें वीरता और साहस की प्रतिष्ठा थी। एक दिन राजा और रानी ने वन में विश्राम के लिए यात्रा किया। वहां रानी ने एक सुंदर बालिका को संगीत के लिए देखा और उसकी आदर्श स्त्री बनाने का संकल्प किया। वे उस बालिका को धन्यवाद देने गए और वहां देवी ने उनसे वर मांगा कि वह हमेशा उनकी पूजा की जाएंगी। देवी ने राजा और रानी की इच्छा को पूरा करने का व्रत लिया और वहां स्थानीय लोगों को अपनी कृपा दिखाई।

मंदिर की स्थापना: चिन्तापूर्णि मंदिर की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई थी, और इसे समर्पित किया गया था चिंताओं के निवारण के लिए। मंदिर का निर्माण बालू, लकड़ी, और मांस के आसपास के क्षेत्रों से किया गया है।

आराधना विधि: यहां की पूजा में अश्वत्थ वृक्ष का खास महत्व है, जिसे "कटुकुटी" कहा जाता है। इस पूजा में बेल पत्र, दूध, मिठाई, फल, और सुगंधित धूप का उपयोग किया जाता है।

चिन्तापूर्णि देवी मंदिर के निकट वायुनाथ, जवालाजी, बगलामुखी, और चमुंडा देवी के मंदिर भी हैं। इन स्थलों का दौरा करने से भक्तों को अधिक पुण्य मिलता है।

मेला और यात्रा: नवरात्रि के दौरान यहां एक बड़ा मेला लगता है जिसमें लाखों भक्त भारी संख्या में आते हैं। यह मेला चैत्र और आश्वयुज मास में आयोजित होता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: मंदिर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भक्ति संगीत समारोहों का आयोजन होता है, जो स्थानीय और बाहरी आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। चिन्तापूर्णि देवी का मंदिर भक्तों के बीच एक प्रमुख श्रद्धास्थल है जो चिंताओं से मुक्ति की कामना करने वालों के लिए प्रसिद्ध है।
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गुरुवार, 18 जनवरी 2024

राम प्रिया रघुपति रघुराई | Sita Mata Chalisa Lyrics in Hindi and English

राम प्रिया रघुपति रघुराई | Sita Mata Chalisa Lyrics in Hindi and English

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॥दोहा ॥
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बन्दौ चरण सरोज निज 
जनक लली सुख धाम ।
राम प्रिय किरपा करें 
सुमिरौं आठों धाम ॥
कीरति गाथा जो पढ़ें 
सुधरैं सगरे काम ।
मन मन्दिर बासा करें 
दुःख भंजन सिया राम ॥
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॥ चौपाई ॥
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राम प्रिया रघुपति रघुराई । 
बैदेही की कीरत गाई ॥१॥
चरण कमल बन्दों सिर नाई । 
सिय सुरसरि सब पाप नसाई ॥२॥
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जनक दुलारी राघव प्यारी । 
भरत लखन शत्रुहन वारी ॥३॥
दिव्या धरा सों उपजी सीता । 
मिथिलेश्वर भयो नेह अतीता ॥४॥
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सिया रूप भायो मनवा अति । 
रच्यो स्वयंवर जनक महीपति ॥५॥
भारी शिव धनुष खींचै जोई । 
सिय जयमाल साजिहैं सोई ॥६॥
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भूपति नरपति रावण संगा । 
नाहिं करि सके शिव धनु भंगा ॥७॥
जनक निराश भए लखि कारन । 
जनम्यो नाहिं अवनिमोहि तारन ॥८॥
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यह सुन विश्वामित्र मुस्काए । 
राम लखन मुनि सीस नवाए ॥९॥
आज्ञा पाई उठे रघुराई । 
इष्ट देव गुरु हियहिं मनाई ॥१०॥
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जनक सुता गौरी सिर नावा । 
राम रूप उनके हिय भावा ॥११॥
मारत पलक राम कर धनु लै । 
खंड खंड करि पटकिन भूपै ॥१२॥
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जय जयकार हुई अति भारी । 
आनन्दित भए सबैं नर नारी ॥१३॥
सिय चली जयमाल सम्हाले । 
मुदित होय ग्रीवा में डाले ॥१४॥
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मंगल बाज बजे चहुँ ओरा । 
परे राम संग सिया के फेरा ॥१५॥
लौटी बारात अवधपुर आई । 
तीनों मातु करैं नोराई ॥१६॥
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कैकेई कनक भवन सिय दीन्हा । 
मातु सुमित्रा गोदहि लीन्हा ॥१७॥
कौशल्या सूत भेंट दियो सिय । 
हरख अपार हुए सीता हिय ॥१८॥
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सब विधि बांटी बधाई । 
राजतिलक कई युक्ति सुनाई ॥१९॥
मंद मती मंथरा अडाइन । 
राम न भरत राजपद पाइन ॥२०॥
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कैकेई कोप भवन मा गइली । 
वचन पति सों अपनेई गहिली ॥२१॥
चौदह बरस कोप बनवासा । 
भरत राजपद देहि दिलासा ॥२२॥
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आज्ञा मानि चले रघुराई । 
संग जानकी लक्षमन भाई ॥२३॥
सिय श्री राम पथ पथ भटकैं । 
मृग मारीचि देखि मन अटकै ॥२४॥
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राम गए माया मृग मारन । 
रावण साधु बन्यो सिय कारन ॥२५॥
भिक्षा कै मिस लै सिय भाग्यो । 
लंका जाई डरावन लाग्यो ॥२६॥
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राम वियोग सों सिय अकुलानी । 
रावण सों कही कर्कश बानी ॥२७॥
हनुमान प्रभु लाए अंगूठी । 
सिय चूड़ामणि दिहिन अनूठी ॥२८॥
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अष्ठसिद्धि नवनिधि वर पावा । 
महावीर सिय शीश नवावा ॥२९॥
सेतु बाँधी प्रभु लंका जीती । 
भक्त विभीषण सों करि प्रीती ॥३०॥
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चढ़ि विमान सिय रघुपति आए । 
भरत भ्रात प्रभु चरण सुहाए ॥३१॥
अवध नरेश पाई राघव से । 
सिय महारानी देखि हिय हुलसे ॥३२॥
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रजक बोल सुनी सिय वन भेजी । 
लखनलाल प्रभु बात सहेजी ॥३३॥
बाल्मीक मुनि आश्रय दीन्यो । 
लव-कुश जन्म वहाँ पै लीन्हो ॥३४॥
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विविध भाँती गुण शिक्षा दीन्हीं । 
दोनुह रामचरित रट लीन्ही ॥३५॥
लरिकल कै सुनि सुमधुर बानी । 
रामसिया सुत दुई पहिचानी ॥३६॥
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भूलमानि सिय वापस लाए । 
राम जानकी सबहि सुहाए ॥३७॥
सती प्रमाणिकता केहि कारन । 
बसुंधरा सिय के हिय धारन ॥३८॥
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अवनि सुता अवनी मां सोई । 
राम जानकी यही विधि खोई ॥३९॥
पतिव्रता मर्यादित माता । 
सीता सती नवावों माथा ॥४०॥
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॥ दोहा ॥
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जनकसुता अवनिधिया 
राम प्रिया लव-कुश मात ।
चरणकमल जेहि उन बसै 
सीता सुमिरै प्रात ॥
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राम प्रिया रघुपति रघुराई | Sita Mata Chalisa Lyrics in Hindi and English

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॥dohā ॥
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Bandau charaṇ saroj nij 
Janak lalī sukh dhām ।
Rām priya kirapā karean 
Sumirauan āṭhoan dhām ॥
Kīrati gāthā jo paḍhaean 
Sudharaian sagare kām ।
Man mandir bāsā karean 
Duahkha bhanjan siyā rām ॥
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॥ chaupāī ॥
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Rām priyā raghupati raghurāī । 
Baidehī kī kīrat gāī ॥1॥
Charaṇ kamal bandoan sir nāī । 
Siya surasari sab pāp nasāī ॥2॥
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Janak dulārī rāghav pyārī । 
Bharat lakhan shatruhan vārī ॥3॥
Divyā dharā soan upajī sītā । 
Mithileshvar bhayo neh atītā ॥4॥
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Siyā rūp bhāyo manavā ati । 
Rachyo svayanvar janak mahīpati ॥5॥
Bhārī shiv dhanuṣh khīanchai joī । 
Siya jayamāl sājihaian soī ॥6॥
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Bhūpati narapati rāvaṇ sangā । 
Nāhian kari sake shiv dhanu bhangā ॥7॥
Janak nirāsh bhae lakhi kāran । 
Janamyo nāhian avanimohi tāran ॥8॥
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Yah sun vishvāmitra muskāe । 
Rām lakhan muni sīs navāe ॥9॥
Ājnyā pāī uṭhe raghurāī । 
Iṣhṭa dev guru hiyahian manāī ॥10॥
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Janak sutā gaurī sir nāvā । 
Rām rūp unake hiya bhāvā ॥11॥
Mārat palak rām kar dhanu lai । 
Khanḍa khanḍa kari paṭakin bhūpai ॥12॥
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Jaya jayakār huī ati bhārī । 
Ānandit bhae sabaian nar nārī ॥13॥
Siya chalī jayamāl samhāle । 
Mudit hoya grīvā mean ḍāle ॥14॥
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Mangal bāj baje chahu orā । 
Pare rām sanga siyā ke ferā ॥15॥
Lauṭī bārāt avadhapur āī । 
Tīnoan mātu karaian norāī ॥16॥
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Kaikeī kanak bhavan siya dīnhā । 
Mātu sumitrā godahi līnhā ॥17॥
Kaushalyā sūt bheanṭa diyo siya । 
Harakh apār hue sītā hiya ॥18॥
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Sab vidhi bāanṭī badhāī । 
Rājatilak kaī yukti sunāī ॥19॥
Manda matī mantharā aḍāin । 
Rām n bharat rājapad pāin ॥20॥
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Kaikeī kop bhavan mā gailī । 
Vachan pati soan apaneī gahilī ॥21॥
Chaudah baras kop banavāsā । 
Bharat rājapad dehi dilāsā ॥22॥
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Ājnyā māni chale raghurāī । 
Sanga jānakī lakṣhaman bhāī ॥23॥
Siya shrī rām path path bhaṭakaian । 
Mṛug mārīchi dekhi man aṭakai ॥24॥
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Rām gae māyā mṛug māran । 
Rāvaṇ sādhu banyo siya kāran ॥25॥
Bhikṣhā kai mis lai siya bhāgyo । 
Lankā jāī ḍarāvan lāgyo ॥26॥
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Rām viyog soan siya akulānī । 
Rāvaṇ soan kahī karkash bānī ॥27॥
Hanumān prabhu lāe aangūṭhī । 
Siya chūḍaāmaṇi dihin anūṭhī ॥28॥
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Aṣhṭhasiddhi navanidhi var pāvā । 
Mahāvīr siya shīsh navāvā ॥29॥
Setu bādhī prabhu lankā jītī । 
Bhakta vibhīṣhaṇ soan kari prītī ॥30॥
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Chaḍhai vimān siya raghupati āe । 
Bharat bhrāt prabhu charaṇ suhāe ॥31॥
Avadh naresh pāī rāghav se । 
Siya mahārānī dekhi hiya hulase ॥32॥
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Rajak bol sunī siya van bhejī । 
Lakhanalāl prabhu bāt sahejī ॥33॥
Bālmīk muni āshraya dīnyo । 
Lava-kush janma vahā pai līnho ॥34॥
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Vividh bhātī guṇ shikṣhā dīnhīan । 
Donuh rāmacharit raṭ līnhī ॥35॥
Larikal kai suni sumadhur bānī । 
Rāmasiyā sut duī pahichānī ॥36॥
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Bhūlamāni siya vāpas lāe । 
Rām jānakī sabahi suhāe ॥37॥
Satī pramāṇikatā kehi kāran । 
Basuandharā siya ke hiya dhāran ॥38॥
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Avani sutā avanī māan soī । 
Rām jānakī yahī vidhi khoī ॥39॥
Pativratā maryādit mātā । 
Sītā satī navāvoan māthā ॥40॥
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॥ dohā ॥
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Janakasutā avanidhiyā 
Rām priyā lava-kush māt ।
Charaṇakamal jehi un basai 
Sītā sumirai prāt ॥
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बुधवार, 10 जनवरी 2024

जगमग जगमग जोत जली है | Jagmag Jagmag Jot Jali Hai | Aarti Lyrics in Hindi and English

जगमग जगमग जोत जली है | Jagmag Jagmag Jot Jali Hai | Aarti Lyrics in Hindi

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जगमग जगमग जोत जली है 
राम आरती होन लगी है 
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भक्ति का दीपक प्रेम की बाती 
आरति संत करें दिन राती 
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आनन्द की सरिता उभरी है 
जगमग जगमग जोत जली है 
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कनक सिंघासन सिया समेता 
बैठहिं राम होइ चित चेता 
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वाम भाग में जनक लली है 
जगमग जगमग जोत जली है
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आरति हनुमत के मन भावै 
राम कथा नित शंकर गावै 
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सन्तों की ये भीड़ लगी है 
जगमग जगमग जोत जली है 
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जगमग जगमग जोत जली है | Jagmag Jagmag Jot Jali Hai | Aarti Lyrics in English
Jagamag jagamag jot jalī hai 
Rām āratī hon lagī hai 
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Bhakti kā dīpak prem kī bātī 
Ārati santa karean din rātī 
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Ānanda kī saritā ubharī hai 
Jagamag jagamag jot jalī hai 
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Kanak sianghāsan siyā sametā 
Baiṭhahian rām hoi chit chetā 
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Vām bhāg mean janak lalī hai 
Jagamag jagamag jot jalī hai
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Ārati hanumat ke man bhāvai 
Rām kathā nit shankar gāvai 
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Santoan kī ye bhīḍa lagī hai 
Jagamag jagamag jot jalī hai 
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मंगलवार, 9 जनवरी 2024

कूष्मांडा जय जग सुखदानी | Kushmanda Jay Jag Sukhdani | Aarti Lyrics in Hindi and English

कूष्मांडा जय जग सुखदानी | Kushmanda Jay Jag Sukhdani | Aarti Lyrics in Hindi

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कूष्मांडा जय जग सुखदानी
मुझ पर दया करो महारानी
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पिगंला ज्वालामुखी निराली
शाकंबरी माँ भोली भाली
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लाखों नाम निराले तेरे
भक्त कई मतवाले तेरे
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भीमा पर्वत पर है डेरा
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा
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सबकी सुनती हो जगदंबे
सुख पहुँचाती हो माँ अंबे
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तेरे दर्शन का मैं प्यासा
पूर्ण कर दो मेरी आशा
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माँ के मन में ममता भारी
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी
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तेरे दर पर किया है डेरा
दूर करो माँ संकट मेरा
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मेरे कारज पूरे कर दो
मेरे तुम भंडारे भर दो
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तेरा दास तुझे ही ध्याए
भक्त तेरे दर शीश झुकाए
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कूष्मांडा जय जग सुखदानी | Kushmanda Jay Jag Sukhdani | Aarti Lyrics in English

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Kūṣhmāanḍā jaya jag sukhadānī
Muz par dayā karo mahārānī
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Piganlā jvālāmukhī nirālī
Shākanbarī māँ bholī bhālī
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Lākhoan nām nirāle tere
Bhakta kaī matavāle tere
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Bhīmā parvat par hai ḍerā
Svīkāro praṇām ye merā
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Sabakī sunatī ho jagadanbe
Sukh pahuchātī ho mā aanbe
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Tere darshan kā maian pyāsā
Pūrṇa kar do merī āshā
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Mā ke man mean mamatā bhārī
Kyoan nā sunegī araj hamārī
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Tere dar par kiyā hai ḍerā
Dūr karo mā sankaṭ merā
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Mere kāraj pūre kar do
Mere tum bhanḍāre bhar do
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Terā dās tuze hī dhyāe
Bhakta tere dar shīsh zukāe
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सोमवार, 8 जनवरी 2024

आरती करिए सियावर की | Aarti Kariye Siyavar Ki | Shri Ram Aarti Lyrics in Hindi and English

आरती करिए सियावर की | Aarti Kariye Siyavar Ki | Shri Ram Aarti Lyrics in Hindi

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आरती करिए सियावर की 
अवधपति रघुवर सुन्दर की
जगत में लीला विस्तारी 
कमल दल लोचन हितकारी
मुरती अलखित घुंघराली 
मुकुट छवि लगती है प्यारी
मृदुल जब मुख मुस्काते है 
छिनकर मन ले जाते है
नवल रघुवीर 
हरे सब पीर 
बड़े है वीर
जयति जय करुणा सागर की 
अवधपति रघुवर सुन्दर की
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गले मे हीरो का है हार 
पीटपत ओढ़त राजदुलार
दृगन की चितवन पर बलिहार 
दिया है हमने तन मन वार
चरण है कोमल कमल विशाल 
छबीले है दशरथ के लाल
सलोने श्याम 
नवल अभिराम 
पुरण सब काम
सूरत है सकल चराचर की 
अवधपति रघुवर सुन्दर की
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अहिल्या गौतम की दारा 
नाथ ने क्षण में निस्तारा
जटायु शबरी को तारा 
नाथ केवट को उद्धारा
शरण मे कपि सुकंठ आये 
विभीषण अभय दान पाए
मान मद त्याग 
मोह से जाग 
किया अनुराग
कृपा है रघुवर सुंदर की 
अवधपति रघुवर सुन्दर की
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अधम जब खल बढ़ जाते है 
नाथ जब जग में आते है
विविध लीला दर्शाते हैं 
धर्म की लाज बचाते है
बसों नयनन में श्री रघुनाथ 
मात श्री जनकनंदनी साथ
मनुज अवतार 
लिए हर बार 
प्रेम विस्तार
विनय है लक्ष्मण अनुचर की 
अवधपति रघुवर सुन्दर की
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आरती करिए सियावर की | Aarti Kariye Siyavar Ki | Shri Ram Aarti Lyrics in English

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Āratī karie siyāvar kī 
Avadhapati raghuvar sundar kī
Jagat mean līlā vistārī 
Kamal dal lochan hitakārī
Muratī alakhit ghuangharālī 
Mukuṭ chhavi lagatī hai pyārī
Mṛudul jab mukh muskāte hai 
Chhinakar man le jāte hai
Naval raghuvīr 
Hare sab pīr 
Bade hai vīra
Jayati jaya karuṇā sāgar kī 
Avadhapati raghuvar sundar kī
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Gale me hīro kā hai hār 
Pīṭapat odhat rājadulāra
Dṛugan kī chitavan par balihār 
Diyā hai hamane tan man vāra
Charaṇ hai komal kamal vishāl 
Chhabīle hai dasharath ke lāla
Salone shyām 
Naval abhirām 
Puraṇ sab kāma
Sūrat hai sakal charāchar kī 
Avadhapati raghuvar sundar kī
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Ahilyā gautam kī dārā 
Nāth ne kṣhaṇ mean nistārā
Jaṭāyu shabarī ko tārā 
Nāth kevaṭ ko uddhārā
Sharaṇ me kapi sukanṭha āye 
Vibhīṣhaṇ abhaya dān pāe
Mān mad tyāg 
Moh se jāg 
Kiyā anurāga
Kṛupā hai raghuvar suandar kī 
Avadhapati raghuvar sundar kī
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Adham jab khal badh jāte hai 
Nāth jab jag mean āte hai
Vividh līlā darshāte haian 
Dharma kī lāj bachāte hai
Basoan nayanan mean shrī raghunāth 
Māt shrī janakanandanī sātha
Manuj avatār 
Lie har bār 
Prem vistāra
Vinaya hai lakṣhmaṇ anuchar kī 
Avadhapati raghuvar sundar kī
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