रविवार, 11 अप्रैल 2010

संकटमोचन हनुमानाष्टक Sankatmochan Hanumanashtak // बाल समय रबि भक्षि लियो तब // Bal Samay Rabi Bhaksh Liyo Tab

संकटमोचन हनुमानाष्टक Sankatmochan Hanumanashtak // बाल समय रबि भक्षि लियो तब // Bal Samay Rabi Bhaksh Liyo Tab

संकटमोचन हनुमानाष्टक
मत्तगयन्द छन्द
( Bal Samay Ravi Bhaksh Liyo Tab)
बाल समय रबि भक्षि लियो तब
तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सो त्रास भयो जग को
यह संकट काहु सों जात न टारो॥

देवन आनि करी बिनती तब
छांड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥१॥

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि
जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि साप दियो तब
चाहिय कौन बिचार बिचारो॥

कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु
सो तुम दास के सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥२॥

अंगद के संग लेन गये सिय
खोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु
बिना सुधि लाए इहां पगु धारो॥

हेरि थके तट सिंधु सबै तब लाय
सिया-सुधि प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥३॥

रावन त्रास दई सिय को सब
राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु
जाय महा रजनीचर मारो॥

चाहत सीय असोक सों आगि सु
दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥४॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब
प्रान तजे सुत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत
तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो॥

आनि सजीवन हाथ दई तब
लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥५॥

रावन जुद्ध अजान कियो तब
नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल
मोह भयो यह संकट भारो॥

आनि खगेस तबै हनुमान जु
बंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥६॥

बंधु समेत जबै अहिरावन
लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देबिहिं पूजि भली बिधि सों बलि
देउ सबै मिलि मंत्र बिचारो॥

जाय सहाय भयो तब ही
अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥७॥

काज किये बड़ देवन के तुम
बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को
जो तुमसों नहिं जात है टारो॥

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु
जो कछु संकट होय हमारो।
को नहिं जानत है जग में कपि
संकटमोचन नाम तिहारो॥८॥

॥दोहा॥
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर॥