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शुक्रवार, 18 जून 2010
आरती श्री शनि देव जी की Shri Shani Dev Ji Ki Aarti
जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी,
सूर्य पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय जय शनि देव॥
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी,
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय ॥
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी,
मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी॥ जय ॥
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी,
लोहा तिल तेल उड द महिषी अति प्यारी ॥ जय ॥
देव दनुज ऋषि मुनी सुमिरत नर नारी,
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥ जय जय जय श्री शनि देव॥
चित्र https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEy_SQIulH7s04NiW87PJGBaPOxZAywCSSZWQQNLNfT4XHNaqmEY0VW3pyJmiiq4cf5Mb7ytHfaOUVuePCuKUsWtjQPZhZY3yuHmrGgxuWLTzImCpnuXO1Yn1-yHxShjzAWaKXG6fANMnF/s1600/shani-dev.jpg से साभार
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Excellent blog of its kind.thanks himanshuji
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